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उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को पुनः शुरू करने की अपील को उच्च न्यायालय ने ठुकराया

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Posted On:Wednesday, September 8, 2021

नैनीताल, 8 सितंबर (न्यूज हेल्पलाइन)    चारधाम यात्रा न सिर्फ धार्मिक पर्यटकों के लिए बल्कि उत्तराखंड सरकार के लिए भी काफी महत्व रखता है। यह राज्य में पर्यटन और रोजगार को बढावा देता है, जिससे सरकार को विभिन्न माध्यमों से आय होती है। इसी को मद्देनजर रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने कल मंगलवार 7 सितंबर को चारधाम यात्रा को फिर से शुरू करने के लिए नैनीताल में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और कोविड की स्थित में सुधार का हवाला देते हुए कोर्ट से चरधाम यात्रा को पुनः प्रारंभ करने देने के लिए छूट प्रदान करने का निर्देश देने को कहा। 

महाधिवक्ता व मुख्य स्थाई अधिवक्ता चन्द्र शेखर जोशी ने कोर्ट को बताया चूंकि सभी सेक्टर खुलने लगे हैं और चारधाम यात्रा बंद होने के चलते स्थानीय लोगों को खासा नुकसान हो रहा है। उत्तराखंड सरकार के इस याचिका के जवाब में नैनीताल उच्च न्यायालय ने कहा कि वह यात्रा पर लगे प्रतिबंध को तब तक नहीं हटा सकता जब तक कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देश न दिया जाए। 

उच्च न्यायालय ने कहा कि चारधाम यात्रा से संबंधित मुद्दा अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए उत्तराखंड सरकार को उच्चतम न्यायालय में अपील करनी चाहिए, जहां पर यह मामला लंबित है। नैनीताल उच्च न्यायालय के दो टूक के बाद संभव है कि उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा को पुनः स्थापित कराने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा फिर से खटखटा सकती है।

ज्ञात हो कि विगत 28 जून को हाई कोर्ट ने चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने माना था कि चारधाम यात्रा वाले ज़िलों में कोविड संबंधी व अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। क्षेत्र में डॉक्टरों अन्य सुविधाओं की कमी की ज़िला प्रशासन की रिपोर्ट का हवाला कोर्ट ने दिया था। हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सरकार ने 6 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (Special Leave Petitions) दाखिल की थी, जिस पर अभी सुनवाई होनी बाकी है।


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