चांदीपुर (ओडिशा), 27 सितंबर ( न्यूज़ हेल्पलाइन ) आकाश मिसाइल के एक नए संस्करण - 'आकाश प्राइम' का सोमवार को एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर), चांदीपुर, ओडिशा से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। मिसाइल ने सुधार के बाद अपने पहले उड़ान परीक्षण में दुश्मन के विमान की नकल करते हुए एक मानव रहित हवाई लक्ष्य को रोक दिया और नष्ट कर दिया।
भारत ने सोमवार को करीब 4:30 पर चांदीपुर के एल सी 3 से आकाश प्राइम नामक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन डीआरडीओ ने आकाश प्राइम मिसाइल का जो कि आकाश मिसाइल का नया संस्करण है का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
इस मिसाइल में कई अत्याधुनिक तकनीकी से लैस होने के बाद इस मिसाइल ने मानवरहित मीम किंग एनीमी एयरक्राफ्ट को टारगेट कर उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया। इससे पहले 21 जुलाई को डीआरडीओ ने ओडिशा के परीक्षण रेंज चांदीपुर से जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली आकाश के नए संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। आज के इस परीक्षण के सफलतापूर्वक टारगेट को ध्वंस करने के साथ ही भारतीय वायुसेना के लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने में यह मिसाइल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सभी प्रकार के हथियार प्रणाली से लैस इस मिसाइल का परीक्षण जमीन आधारित लंच पैड से किया गया तथा इस मिसाइल के परीक्षण के दौरान उड़ान से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर सभी हथियार प्रणाली के सफल बिना किसी गड़बड़ी के काम करने की पुष्टि की है।
आकाश मिसाइल का नया संस्करण अपने पुराने संस्करण के मुकाबले कुछ बेहतर है और 25 किलोमीटर की दूरी पर किसी भी वस्तु पर निशाना साधने में सक्षम है। आकाश मिसाइल को डीआरडीओ के हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला ने अनुसंधान संगठन की सैन्य शाखाओं के साथ मिलकर विकसित किया है। इस मिसाइल की उड़ान से जुड़े आंकड़े रिकॉर्ड रखने के लिए आईटीआर में कई निगरानी प्रणाली जैसे इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग प्रणाली रडार और टेलीमेट्री का उपयोग किया।
पिछले साल दिसंबर में सरकार ने आकाश मिसाइलों के निर्यात की अनुमति दे दी थी और विभिन्न देशों को इसकी बिक्री के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। इस समिति में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल है और इसका गठन स्वदेश में विकसित महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों के निर्यात की अनुमति देने के लिए किया गया है। सूत्रों की मानें तो जल्द ही चांदीपुर और अब्दुल कलाम द्वीप से भारी भरकम मिसाइलों जिसमें मुख्यत बैलेस्टिक मिसाइल शामिल रहेंगी का परीक्षण किए जाने की संभावना है।