नई दिल्ली, 24 अप्रैल । इंडोनेशिया में प्रशिक्षण अभियान के दौरान 21 अप्रैल को बाली द्वीप के नजदीक समुद्र में 53 लोगों के साथ डूबी पनडुब्बी केआरआई नंगला को खोज निकाला गया है। पनडुब्बी का मलबा समुद्र में 850 मीटर गहराई में पाया गया है और उसमें सवार सभी 53 लोगों को इंडोनेशिया की नौसेना ने मृत घोषित करके प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। समुद्र में डूबी पनडुब्बी को खोजने के लिए भारतीय नौसेना के साथ अमेरिका, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया की भी नौसेनाएं लगी थीं। अमेरिका ने आठ पीआई विमान भी समुद्री बचाव एवं राहत कार्य के लिए भेजे थे।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय सबमरीन एस्केप और बचाव संपर्क कार्यालय के माध्यम से इंडोनेशियाई पनडुब्बी के समुद्र में डूबने के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद इंडोनेशियाई नौसेना का सहयोग करने के लिए भारतीय नौसेना ने 22 अप्रैल को अपने डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हिकल (डीएसआरवी) को विशाखापत्तनम से रवाना किया था। खोज और राहत कार्य में पनडुब्बी सहायता वाहन के साथ अमेरिका, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया की भी नौसेनाएं लगी थीं। अमेरिका ने आठ पीआई विमान भी समुद्री बचाव एवं राहत कार्य के लिए भेजे थे। पनडुब्बी केआरआई नंगला को खोने के लिए इंडोनेशियाई नौसेना ने खुद भी इलाके में जंगी पोत तैनात किए थे।
इंडोनेशियाई नौसेना के प्रमुख युडो मार्गगनो ने दुर्घटना स्थल से लगभग 16 किमी. के दायरे में 850 मीटर गहराई में 44 साल पुरानी पनडुब्बी केआरआई नंगला का मलबा बरामद होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि बरामद मलबे में टारपीडो टैंक, पेरिस्कोप ग्रीस और मैट से टुकड़े शामिल हैं। उनके मुताबिक दुर्घटना के समय यह पनडुब्बी 22 अप्रैल को होने वाले प्रक्षेपास्त्र दागने के एक अभ्यास के लिए तैयारी कर रही थी। उसी समय पनडुब्बी का टारपीडो टैंक गोता लगाने के दौरान फट गया जिससे बुधवार तड़के तीन बजे संपर्क टूट गया और समुद्र में डूब गई। पनडुब्बी में सवार सभी 53 लोगों को इंडोनेशिया की नौसेना ने मृत घोषित करके प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
एडमिरल मार्गगनो ने कहा कि पनडुब्बी का अन्य बड़ा मलबा खोजने के लिए अभियान जारी रहेगा। हम चालक दल के जीवित होने की स्थिति का अनुमान नहीं लगा सकते क्योंकि हमें उनमें से एक भी नहीं मिला है। खोजबीन के दौरान पनडुब्बी के अंतिम ज्ञात स्थान पर पानी में मिले मलबे के टुकड़े पनडुब्बी से जुड़े थे और अगर बाहरी दबाव या टारपीडो लांचर में दरार न हुई होती तो यह अलग नहीं हो सकते थे। इन प्रामाणिक सबूतों के साथ पनडुब्बी नंगला के समुद्र में डूबने की घोषणा की गई है। एडमिरल मार्गगनो ने यह भी कहा कि पानी के दबाव में पनडुब्बी के फंसे होने की संभावना थी लेकिन यह अभी संभव है कि पनडुब्बी के केबिन में पानी प्रवेश न हुआ हो। समुद्र में इंडोनेशिया की पनडुब्बी डूबने की यह पहली घटना है जबकि तीन महीने पहले जकार्ता हवाई अड्डे से टेक-ऑफ करने के कुछ ही मिनट बाद एक एयर श्रीविजय यात्री विमान जावा सागर में गिर गया था जिसमें 62 लोगों की मौत हुई थी।