रांची (झारखंड), 31 अगस्त ( न्यूज हेल्पलाइन)
भारत में अक्टूबर और नवंबर के बीच तीसरी COVID-19 लहर के चरम पर पहुंचने की उम्मीद के साथ, झारखंड सरकार इसके प्रसार को रोकने और इसके प्रभाव को कम करने की व्यवस्था कर रही है, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि,तीसरी लहर बच्चों को अधिक प्रभावित करने की उम्मीद है, राज्य भर में उनके लिए वेंटिलेटर स्थापित किए गए हैं।
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए देशभर में तैयारियां चल रही हैं। सेकंड वेव के दौरान हुई मुश्किलों से सबक सीखते हुए इस बार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है। इसी कड़ी में झारखंड में भी इंतजाम किए जा रहे हैं। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हम इंतजाम में जुटे हुए हैं। बच्चों के लिए वेंटीलेटर्स लगाए जा रहे हैं। चूंकि करीब 76 फीसदी लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं। इसलिए हम इन इलाकों पर भी फोकस कर रहे हैं।
तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में इंतजाम भी इसी हिसाब से किया जा रहा है। झारखंड की राजधानी रांची के सीएमओ डॉक्टर विनोद कुमार ने इस बारे में और ज्यादा जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि हमने खासतौर पर पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) और न्यूनटल इंटेंसिव केयर यूनिट वार्ड बनाए हैं। हमारे पास पीकू वार्ड में 27 आईसीयू और 24 एचडीयू बेड हैं। उन्होंने बताया कि अगर जरूरत पड़ी तो हम 16 बेड के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिटों का नीकू वार्ड के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने डॉक्टरों की कमी की तरफ इशारा किया। उन्होंने कहा कि हमारे पास 11-12 पीडियाट्रिशियन होने चाहिए, लेकिन फिलहाल केवल 7 हैं। हमने इसके लिए संबंधित विभाग को लिखा है।
बच्चों के साथ-साथ बड़ों के लिए भी पूरा इंतजाम किया जा रहा है। रांची के सीएमओ ने बताया कि 50 बेड का आईसीयू बड़ों के लिए तैयार किया गया है। वहीं 250 जनरल बेड भी हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर कोविड वॉर्ड में तब्दील किया जा सकता है। सभी बेडों में पाइप के जरिए ऑक्सीजन सप्लाई है। गौरतलब है कि एक्सपर्ट्स ने सितंबर-अक्टूबर में तीसरी लहर की आशंका जताई है।