मथुरा, 30 अप्रैल । मथुरा जिला कारागार में पीएफआई के सदस्यों के साथ बंद सिद्दीकी कप्पन को शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जिला अस्पताल की एम्बुलेंस से दिल्ली के एम्स अस्पताल भेजा गया है। बुधवार को शासन का आदेश वरिष्ठ जेल अधीक्षक को मिला था लेकिन एम्बुलेंस के अभाव में उसे दिल्ली नहीं भेजा जा सका था।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रैय ने बताया कि शुक्रवार सुबह 9 बजे कप्पन को जिला अस्पताल की एम्बुलेंस से दिल्ली एम्स के लिए रवाना कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद शासन ने उसे बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स भेजने के निर्देश दिए थे। शासन का आदेश बुधवार देर शाम मिला था। जेल प्रशासन ने तत्काल एम्बुलेंस के लिए सीएमओ को पत्र लिखा था। बीती रात को एम्बुलेंस नहीं मिल सकी थी। शुक्रवार सुबह एम्बुलेंस मिलने पर उसे एम्स रवाना कर दिया गया।
हाथरस के बहुचर्चित किशोरी हत्याकांड को लेकर सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप में मांट पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के चार सदस्य अतीकुर्रहमान, आलम, सिद्दीकी कप्पन और मसूद को पिछले साल 5 अक्टूबर को मांट टोल प्लाजा पर गिरफ्तार किया गया था। चारों सदस्यों के पास से जस्टिस फॉर हाथरस पंपलेट, लैपटॉप, मोबाइल और अन्य सामग्री बरामद की गई थी। पुलिस के मुताबिक यह लोग हाथरस में जाकर हिंसा फैलाना चाहते थे। इस पर सभी पीएफआई के सदस्यों को मथुरा जिला कारागार में भेजा गया।
मेडिकल रिपोर्टों में कहा गया है कि कप्पन 21 अप्रैल 2021 को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए, उन्हें बुखार था और बाथरूम में गिरने के कारण उन्हें चोटें भी आयी। इसमें कहा गया है कि सिद्दीकी कप्पन को के एम मेडिकल कॉलेज मथुरा में भर्ती कराया गया जहां पता चला कि उन्हें मधुमेह, दिल की बीमारी, रक्तचाप की समस्या है और उन्हें चोट भी आयी है। बहरहाल इसके बाद पेश की गई मेडिकल रिपोर्ट में बताया कि वह कोविड-19 से संक्रमित नहीं हैं।
केयूडब्ल्यूजे और सिद्दीकी कप्पन की पत्नी की तरफ से पेश अधिवक्ता विल्स मैथ्यूज ने कहा कि कप्पन को समुचित दवा और उपचार के निर्देश के साथ मामले में अंतरिम जमानत दी जा सकती है। कप्पन की पत्नी ने हाल ही में प्रधान न्यायाधीश रमण को पत्र लिखकर अस्पताल से उन्हें तुरंत छुट्टी देने की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कप्पन को बिस्तर से जंजीर से इस तरह बांध कर रखा गया जैसे किसी जानवर को बांधा जाता है। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने कप्पन को जंजीर से बांध कर रखने के आरोपों से इनकार किया।