मुंबई, 13 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कश्मीरी पंडित की मौत पर सुरक्षाबलो ने 24 घंटे के अंदर तीनों आतंकियों को मार गिराया। दरअसल आतंकियों ने बड़गाम जिले के चडूरा तहसील ऑफिस में घुसकर क्लर्क राहुल को शूट कर दिया था। इसके बाद राहुल ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। घटना के बाद से ही इलाके में सर्च ऑपरेशन चल रहा था। इसी बीच पुलिस और सुरक्षाबलों की टीम को जानकारी मिली कि बांदीपोरा के बरार इलाके में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच एनकाउंटर हुआ। इसमें राहुल की हत्या में शामिल तीनों आतंकी ढेर हो गए। साथ ही जम्मू-कश्मीर सरकार ने राहुल की मौत की जांच के लिए SIT गठित कर दी है। सरकार ने राहुल की पत्नी को सरकारी नौकरी देने और उनकी बेटी की पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाने का भी ऐलान किया है। उधर, कश्मीरी पंडितों में लगातार निशाना बनाकर हो रहे हमलों से खौफ फैल गया है। इस टारगेट किलिंग के विरोध में 350 सरकारी कर्मचारियों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है।
कश्मीर में 24 घंटों के अंदर हत्या की दो घटनाएं सामने आई हैं। कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या हुई थी। पुलवामा के गुदूरा में आतंकियों ने SPO रियाज अहमद थोकर पर फायरिंग कर दी, अस्पताल में उनकी मौत हो गई। DIG दक्षिण कश्मीर रेंज अब्दुल जब्बार ने बताया कि रियाज छुट्टी पर था और अपने बच्चे की स्कूल बस का इंतजार कर रहा था। इस दौरान दो अज्ञात बाइक सवारों ने उस पर कथित तौर पर गोलियां चला दीं।
राहुल भट्ट की हत्या को लेकर कश्मीरी पंडितों में भारी आक्रोश है। हत्या के विरोध में यह साथ 350 सरकारी कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया है। कर्मचारियों ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को अपने इस्तीफे भेज दिए हैं। सभी कश्मीरी पंडित प्रधानमंत्री पैकेज के कर्मचारी हैं। इन लोगों का कहना है कि घाटी में कश्मीरी पंडित सुरक्षित नहीं है। रोज इसकी नमूना देखने को मिलता है। सरकार कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा देने के वादे तो करती है, लेकिन वो जमीन पर दिखाई नहीं देते। ऐसे में हम कश्मीर में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
कश्मीरी पंडित अपनी सुरक्षा को लेकर जम्मू से लेकर श्रीनगर तक प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों से पुलिस और पंडितों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। जिसकी वजह से घाटी में तनाव की स्थिति हो गई है। कश्मीरी पंडित जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। उधर, बडगाम के शेखपोरा में प्रदर्शन कर रहे लोग श्रीनगर एयरपोर्ट अड्डे की ओर मार्च कर रहे थे। जिनको रोकने के लिए कश्मीरी पंडितों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया।