न्यूज हेल्पलाइन 15 जनवरी, भदोही, गोपीगंज कोतवाली में प्रभारी निरीक्षक र के पद पर तैनात अभिनव वर्मा के छोटे भाई दृढ़, इच्छाशक्ति, लगन व मेहनत के बल पर सीमा सुरक्षा बल में असिस्टेंट कमाण्डेंट बनने पर क्षेत्र में हर्ष की लहर व्याप्त है। श्रीवर्मा मूलत गाजीपुर जनपद के सुभाषनगर निवासी हैं जो वर्तमान में रामनगर वाराणसी में रहते हैं। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा वाराणसी व प्रयागराज के उत्कुष्ट विद्यालयों में पूर्ण की है।
राज्यस्तरीय हॉकी खिलाड़ी बता दें कि स्व. अरविन्द्र वर्मा के दो पुत्रों में अभिनव वर्मा नागरिक पुलिस सेवा में इंस्पेक्टर हैं। जबकि दूसरे अभिजीत वर्मा वर्तमान में बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडर बने हैं। चर्चा के दौरान गोपीगंज थाने के पिता की प्रेरणा, भाई का प्रोत्साहन इंस्पेक्टर अभिनव वर्मा ने बताया कि यह उनके लिये भी गर्व और खुशी की बात है कि उनका छोटा भाई उनसे भी अधिक बुलंदी पर पहुंचा। इंस्पेक्टर श्री वर्मा ने बताया कि उनका छोटा भाई अभिजीत शुरू से ही मेधावी और महत्वाकांक्षी था। पढ़ाई के साथ खेल में भी काफी रूचि थी । वह पक्का लगनशील 7 रहा।
अपने लगन के बल पर ही वह न केवल एम.ए. बीएड की डिग्री हासिल कि बल्कि खेल के क्षेत्र में राज्यस्तरीय हाकी का खिलाड़ी भी बना।
चर्चा के दौरान अभिजीत वर्मा ने अपनी उपलब्धि का सारा श्रेय माता पिता की प्रेरणा और बड़े भाई इंस्पेक्टर अभिनव वर्मा के प्रोत्साहन को दिया। बताया कि उनका जन्म भले ही सुभाषनगर गाजीपुर में हुआ किन्तु हाईस्कूल से लेकर एम. ए. तक की शिक्षा वाराणसी के विभिन्न ख्यातिप्राप्त कालेजों में टी 5 डी हुई। मास्टर डिग्री इन्होंने इलाहाबाद से प्राप्त किया। वर्तमान में इनका पूरा परिवार वाराणसी के रामनगर में आवास बनाकर रहता है।
कठिन श्रम, सच्ची लगन और संघर्ष
अभिजीत वर्मा ने बताया कि वर्ष 2009 में उनकी नियुक्ति बीएसएफ में सब इंस्पेक्टर पद पर हुई। वर्ष 2012 में प्रोन्नति करके वे एनडीआरएफ में आ गये। इस पर रहते हुये वे गुवाहाटी, वाराणसी के चौकाघाट व उज्जैन म.प्र. में बाढ़ प्रभावितों की सेवा का मौका पाया। उज्जैन में उनके उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुये मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रशस्ति पत्र व स्टेट सम्मान देकर सम्मानित किया। श्री वर्मा ने बताया वर्ष 2017 सबइंस्पेक्टर से इस्पेक्टर बने फिर उसके बाद एलडीसीई परीक्षा में शामिल होकर सफलता प्राप्त किए वर्ष 2021 में ग्वालियर एकेडमी में चयन हुआ। वहां भी सफलता मिली और छह माह की ट्रेनिंग के उपरान्त असिस्टेंट कमान्डेट का पद प्राप्त हुआ। श्री वर्मा ने युवाओं को सुझाव दिया कि कठिन श्रम सच्ची लगन और संघर्षों से जूझने की हिम्मत किसी भी युवा को वहां पहुंचा देता है जहां पर पहुंचने का वह सपना देखता है|