भोपाल, 2 जून 2021 - मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि इस इस साल की 12वीं बोर्ड की परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने स्टूडेंट्स को विकल्प दिया कि अगर कोई स्टूडेंट अच्छे परिणाम के लिए 12वीं की परीक्षा देना चाहे तो वह साल के अंत में कोरोना संकट समाप्त होने के उपरांत दे सकता है।
मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही कहा कि राज्य सरकार ने 10वीं की परीक्षाएं न कराने का निर्णय पहले ही लिया था। इस साल की 10वीं के परिणाम की घोषणा आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा। अपने इस निर्णय के पीछे के कारणों को बताते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बच्चों की जिंदगी हमारे लिए ज्यादा अनमोल है। ऐसे में जब पूरा देश कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है, वैसे में बच्चों पर परीक्षा का मानसिक बोझ देना किसी भी तरह से उचित नहीं है। ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश के साथ-साथ कुछ अन्य राज्यों ने भी अपनी बोर्ड परीक्षाएं स्थगित या रद्द करने का निर्णय लिया है।
ज्ञात हो कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने हाल ही में जब 12वीं बोर्ड की परीक्षा लेने की घोषणा की तो पूरे देश में हाहाकार मच गया। सभी स्टूडेंट्स, बच्चों के माता-पिता, स्कूल प्रशासन सहित शिक्षा से जुड़ी संस्थाएं सकते में आ गईं। ऐसे में जब देश के हरेक भाग में कोरोना महामारी से हजारों लोग मारे जा रहे हैं वैसे में स्टूडेंट्स को परीक्षाएं देने के लिए बाहर कैसे भेज दिया जाए। संकट और विवाद को बढ़त देख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल 1 जून को खुद बैठक की और सीबीएसई की 12वीं की परीक्षाओं को रद्द करने की घोषणा कर दी।