श्रीनगर, 2 जून 2021 - पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को आरोप लगाया कि उन्हें कुलगाम जिले में आत्महत्या करने वाले एक युवक के परिवार से मिलने से रोक दिया गया है।
ट्विटर पर एक वीडियो संदेश द्वारा उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें शोएब बशीर के घर जाने से रोका गया, जिसने बुधवार को अपने स्कूली शिक्षक पिता का वेतन दो साल से अधिक समय तक रोके जाने के बाद जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
उन्होंने कहा कि सरकार खुद संकट में परिवारों तक नहीं पहुंचती है और उन्हें ऐसा करने से रोक रही है।
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा ने ट्विटर पर प्रशासन पर आरोप लगाते हुए लिखा, "जम्मु कश्मीर में सुरक्षा के अलावा, मुझे संकट में पड़े लोगों तक पहुँचने से रोकने का प्रशासन को कोविड-19 का नया बहाना बन गया है। भारत सरकार सच्चाई को छिपाना चाहती है और इस तरह की त्रासदियों को खत्म करना चाहती है।" आगे महबूबा ने कहा कि एक तरफ जहां सरकार युवाओं से कहती है कि हिंसा छोड़कर शांतिपूर्ण जीवन के लिए मुख्यधारा में शामिल हो जाएं, वहीं दूसरी तरफ उनका अपमान किया जाता है।
बता दें, जम्मु कश्मीर में शोएब बशीर ने आत्महत्या करने से पहले एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया था जिसमें उसने कहा था कि उसके पिता और कुछ अन्य शिक्षकों को ढाई साल से वेतन का भुगतान नहीं मिला उसके वजह से इतना बड़ा कदम उठा रहा है। उनके पिता का वेतन कथित तौर पर अतीत के दौरान विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने के लिए रोक दिया गया था, जबकि पुलिस ने उन्हें इस मामले में क्लीन चिट दे दी थी।