ताजा खबर
ICICI और Yes Bank के सर्विस चार्ज बदले, Axis ने भी किया बड़ा ऐलान   ||    मलेशियाई नौसेना के हेलीकॉप्टर हवा में टकराए, 10 की मौत   ||    मलेशियाई नौसेना के हेलीकॉप्टर हवा में टकराए, 10 की मौत   ||    लोकसभा चुनाव 2024: सबसे बड़ा लोकतंत्र मतदान क्यों नहीं कर रहा?   ||    Earth Day 2023: पृथ्वी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?   ||    फैक्ट चेक: उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के बीच CM धामी ने सरेआम बांटे पैसे? वायरल वीडियो दो साल पुराना...   ||    मिलिए ईशा अरोड़ा से: ऑनलाइन ध्यान खींचने वाली सहारनपुर की पोलिंग एजेंट   ||    आज का इतिहास: 16 अप्रैल को हुआ था चार्ली चैपलिन का जन्म, जानें अन्य बातें   ||    एक मंदिर जो दिन में दो बार हो जाता है गायब, मान्यता- दर्शन मात्र से मिलता मोक्ष   ||    फैक्ट चेक: कानपुर में हुई युवक की पिटाई का वीडियो 'ब्राह्मण पर पुलिसिया अत्याचार' के गलत दावे के साथ...   ||   

नागालैंड हिंसा: नॉर्थ ईस्ट कैथोलिक रिसर्च फोरम ने प्रधानमंत्री मोदी को सौंपा ज्ञापन, AFSPA को निरस्त करने की माँग की।

Photo Source :

Posted On:Monday, December 13, 2021

कोहिमा, 13 दिसंबर (न्यूज़ हेल्पलाइन)  नागालैंड के मोन में पिछले दिनों हुई दुर्भाग्यपूर्ण हत्याओं पर नॉर्थ ईस्ट कैथोलिक रिसर्च फोरम (एनईसीएआरएफ) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने हालिया ओटिंग घटना की पृष्ठभूमि में उत्तर पूर्व क्षेत्र से सशस्त्र बल (विशेष अधिनियम AFSPA) 1958 को निरस्त करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की है।

एनईसीएआरएफ ने नीलगिरि पहाड़ियों में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद भारत के पहले और सबसे सम्मानित चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत और अन्य के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे देश के साथ शोक व्यक्त करते हैं।

ओटिंग की घटना को सबसे भयावह और समझ से बाहर की घटना के रूप में उजागर करते हुए एनईसीएआरएफ ने कहा कि कथित तौर पर 21 पैरा (विशेष बल) द्वारा और कथित तौर पर असम राइफल्स की मिलीभगत से कम से कम छह निर्दोष युवा जो एक पिकअप ट्रक में कोयला खदान से लौट रहे थे उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए। फोरम ने पीएम मोदी को लिखा कि, “सेना के जवानों ने एक और सात ग्रामीणों की गोली मारकर हत्या कर दी जो कथित तौर पर अपने लापता गांव के युवाओं की तलाश में गए थे।”

फ़ोरम ने प्रधानमंत्री को आगे लिखा, “इसलिए, हम भारतीय सेना के इस सबसे जघन्य और अमानवीय कृत्य की निंदा की अपनी पूरी भावना को रिकॉर्ड में रखना चाहते हैं और अपने विश्वास में दृढ़ हैं कि उनकी कार्रवाई सशस्त्र बलों (विशेष अधिनियम, 1958) के तहत दी गई व्यापक शक्तियों का परिणाम थी। जिससे आप सहमत होंगे, भारत के सभी नागरिकों के लिए मानव और संवैधानिक अधिकारों को गंभीरता से बनाए रखने के प्रयासों पर एक धब्बा रहा है। हम आपको यह भी याद दिला सकते हैं कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में जहां भी अफस्पा लागू किया गया है, ओटिंग जैसी घटनाएं अक्सर होती रही हैं - इसका मुख्य कारण आज पूरा क्षेत्र मानवता के खिलाफ इस जघन्य अपराध की निंदा करते हुए हथियारों में है।

फोरम ने पीएम से "इस अवसर पर उठने और तेज विश्वास घाटे और युवाओं के बीच बढ़ते डर और चिंता को दूर करने में मदद करने" का आग्रह किया और "कठोर अफस्पा" को तत्काल निरस्त करने की मांग की।

एनईसीएआरएफ ने यह भी उल्लेख किया कि अखंड भारत दर्शन और मिशन लोगों के बारे में उतना ही होना चाहिए जितना कि यह क्षेत्रों, संपत्तियों, राजमार्गों, खनिजों, जंगलों, नदियों आदि के बारे में है। न केवल इसका मतलब यह होना चाहिए कि भारत राष्ट्रीय क्षेत्रों के भीतर भूमि और संसाधनों का मालिक है। लेकिन यह भी अपने लोगों के बारे में परवाह करता है।
बता दें, पिछले पखवाड़े सेना की टुकड़ी ने उग्रवादी समझकर आम लोगों के क़ाफ़िले पर गमला बोल दिया जिसमें 6 लोग मारे गए उसके बाद सुरक्षा बलों और जनता के बीच घटना के विरोध में झड़प हुई जिसमें 7 लोग और मारे गए और 1 जवान की मौत हो गई। इस घटना के बाद से लगातार AFSPA,1958 (विशेष अधिनियम) को निराश करने की माँग की जा रही है।


बनारस और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. banarasvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.