-नरेंद्र सिंह तोमर ने किया डिस्कवरी सेंटर व वर्चुअल क्लासरूम का उद्घाटन
नई दिल्ली, 16 अप्रैल। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) तथा राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना (एनएएचईपी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के डिस्कवरी सेंटर एवं भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान के वर्चुअल क्लासरूम का उद्घाटन शुक्रवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया।
इस अवसर पर तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में, कृषि शोध एवं कृषि शिक्षा के माध्यम से देश के किसानों के जीवन स्तर में बदलाव आ रहा है। पूसा संस्थान परिवार द्वारा उच्च अनुसंधान के साथ ही कृषि शिक्षा की बेहतरी के लिए लगातार एक के बाद एक नए आयाम जुड़ते जा रहे हैं, जिनका लाभ कृषि क्षेत्र को मिल रहा है।
तोमर ने कहा कि कृषि शिक्षा को मजबूत करने के लिए प्रमुख गतिविधियों के अंतर्गत 18 कृषि विश्वविद्यालयों में वर्चुअल क्लासरूम स्थापित किए गए हैं। ये सभी कृषि मेघ में स्थापित केंद्रीय सॉफ्टवेयर से जुड़े हैं, जिससे समस्त 75 कृषि विश्वविद्यालयों के छात्र वर्चुअल क्लासरूम से जुड़ पाएंगे। इसका उद्देश्य कृषि विश्वविद्यालयों में शिक्षण व सीखने के अनुभव को प्रोत्साहन देना और रूचिकर बनाना है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि प्रधान देश में कृषि ही हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और प्रतिकूल परिस्थितियों में भी कृषि अपनी प्रासंगिकता को हमेशा सिद्ध किया है। देश में उन्नत कृषि हो, किसानों की आमदनी बढ़े, भविष्य की पीढ़ी कृषि की ओर आकर्षित हो, कृषि उत्पादन का प्रोसेसिंग होकर रोजगार के अवसर सृजित करने का एक सशक्त माध्यम बनें, कृषि उत्पादों का निर्यात हम बढ़ा सकें, कृषकों को वाजिब दाम दिला सकें, ये सब जिम्मेदारियां भारत सरकार व राज्य सरकारों के ऊपर है। उन्होंने कहा कि सरकारें जब काम करती है तो विभिन्न योजनाएं बनकर उनका क्रियान्वयन होकर लाभ गांवों तक पहुंचता है। इसी दिशा में कृषि अनुसंधान व कृषि शिक्षा काफी महत्वपूर्ण है। इनके बिना हमारी कोई भी योजना नीचे तक पहुंचकर लाभप्रद नहीं हो सकती।
उन्होंने आगे कहा, 'हम सौभाग्यशाली हैं और गौरवान्वित भी कि पूसा संस्थान तथा हमारे अनेक कृषि विश्वविद्यालय व कृषक विज्ञान केंद्रों के माध्यम से हमारे वैज्ञानिक लगातार रिसर्च में लगे हुए हैं, जिसका लाभ कृषि क्षेत्र को मिल रहा है एवं किसानों के जीवन स्तर में बदलाव लाने में हम निश्चित रूप से सफल हो रहे हैं।'