लखनऊ, 29 मई 2021
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लखनऊ मॉड्यूल मामले में पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह हिजबुल-मुजाहिदीन के दो ग्राउंड वर्कर्स के खिलाफ आतंकवादियों को ले जाने और उन्हें पनाह देने के आरोप में चार्जशीट दायर की है।
एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने आईपीसी और यूए (पी) अधिनियम की कई धाराओं के तहत लखनऊ में एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के निवासी निसार अहमद शेख और निषाद अहमद बट के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की है।
एनआईए से मिलीं जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा 12 सितंबर, 2018 को कामरूज जमां और अन्य के खिलाफ हिजबुल-मुजाहिदीन कैडरों द्वारा उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए एक आपराधिक साजिश से संबंधित मामला दर्ज किया गया था।
एनआईए ने 24 सितंबर, 2018 को जांच अपने हाथ में ली थी। एटीएस ने इससे पहले गिरफ्तार आरोपी कामरूज जमां और फरार आरोपी ओसामा बिन जावेद के खिलाफ 11 मार्च 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया था लेकिन जावेद बाद में 28 सितंबर, 2019 को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
अंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) अधिकारी ने कहा कि जांच ने स्थापित किया है कि हिजबुल आतंकवादी जावेद को आरोपित आरोपी शेख और बट ने पनाह दी थी और उसकी सहायता की थी। उन्होंने कहा "शेख जावेद और हिजबुल के अन्य हिज़्बुल के आतंकवादियों के लिए सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था करता था, जबकि आरोपी बट ने जावेद और अन्य हिजबुल आतंकवादियों को रहने और अन्य रसद सहायता प्रदान करके सहायता करता था। उसने अपने घर में एक ठिकाना भी बनाया था ताकि हिज़्बुल आतंकी जावेद को सुरक्षित पनाह प्रदान की जा सके।”