ताजा खबर
बुलेट ट्रेन: प्रोजेक्ट का पूरा होना इस प्रमुख कारक पर निर्भर करता है, आरटीआई से पता चला   ||    ICICI और Yes Bank के सर्विस चार्ज बदले, Axis ने भी किया बड़ा ऐलान   ||    मलेशियाई नौसेना के हेलीकॉप्टर हवा में टकराए, 10 की मौत   ||    मलेशियाई नौसेना के हेलीकॉप्टर हवा में टकराए, 10 की मौत   ||    लोकसभा चुनाव 2024: सबसे बड़ा लोकतंत्र मतदान क्यों नहीं कर रहा?   ||    Earth Day 2023: पृथ्वी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?   ||    फैक्ट चेक: उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के बीच CM धामी ने सरेआम बांटे पैसे? वायरल वीडियो दो साल पुराना...   ||    मिलिए ईशा अरोड़ा से: ऑनलाइन ध्यान खींचने वाली सहारनपुर की पोलिंग एजेंट   ||    आज का इतिहास: 16 अप्रैल को हुआ था चार्ली चैपलिन का जन्म, जानें अन्य बातें   ||    एक मंदिर जो दिन में दो बार हो जाता है गायब, मान्यता- दर्शन मात्र से मिलता मोक्ष   ||   

​ ​भारत की तटीय ​सुरक्षा​ ​मजबूत करने को बनेगा ​'राष्ट्रीय समुद्री आयोग​'

Photo Source :

Posted On:Wednesday, April 14, 2021

​- तैयारी अंतिम चरण में, ​कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी​ की मंजूरी मिलने का इन्तजार ​
​- ​​देश में ​पहले से मौजूद समुद्री मामलों को निपटाने वाले विभागों के बीच ​बनेगा ​सामंजस्य​​​
 
नई दिल्ली, 14 अप्रैल ।​ ​​समुद्री ​तटीय ​सुरक्षा को​ और मजबूत करने के लिए ​'राष्ट्रीय समुद्री आयोग​' बनाने की तैयारी अंतिम चरण में है​।​​ ​​​​​​​​कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (​सीसीएस) की​ मंजूरी मिलने के बाद ​इस साल के मध्य तक​ ​भारत के पास समुद्री क्षेत्र ​के सभी मामलों को संभालने के लिए एक सर्वोच्च संघीय निकाय होगा​​।​​​ ​बनने वाले आयोग ​के अधीन ​​देश में ​पहले से मौजूद समुद्री मामलों को निपटाने वाले विभागों के बीच सामंजस्यपूर्ण ​तरीके से ​नीति-निर्माण और प्रभावी समन्वय सुनिश्चित ​करने में आसानी होगी​​।​​ ​'राष्ट्रीय समुद्री आयोग​' बनाने का फैसला ​​​अंतर-मंत्रालयी परामर्श के बाद ​लिया गया है। ​​
​​
​भारत के पास 7,516 किलोमीटर लंबी तटीय रेखा है, जिसमें द्वीप प्रदेश और दो मिलियन वर्ग किमी. का विशेष आर्थिक क्षेत्र शामिल है। कारगिल संघर्ष के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में सुधार किये जाने के बारे में 2001 में मंत्रियों के एक समूह ने अपनी रिपोर्ट में समुद्री मामलों के प्रबंधन के लिए एक शीर्ष निकाय की आवश्यकता जताई थी ताकि नौसेना, तटरक्षक बल के साथ केंद्रीय और तटीय राज्य की सरकारों के बीच संस्थागत संबंध मजबूत हो सकें। इसके बावजूद ऐसी किसी भी संस्था का गठन नहीं किया जा सका। इसके बाद जब समुद्री रास्ते से पाकिस्तानी आतंकियों ने आकर मुंबई में 26/11 का हमला कर दिया तो ​2008 में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (​सीसीएस) ने समुद्री सुरक्षा सलाहकार के नेतृत्व में समुद्री सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (एमएसएबी) बनाने की सलाह ​प्रमुख एजेंडे के रूप में दी थी। 
 
इसके बाद समुद्री और तटीय सुरक्षा मजबूत करने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में अगस्त, 2009 में एक राष्ट्रीय समिति (एनसीएसएमसीएस) का गठन किया गया था।​ यह राष्ट्रीय समिति केवल 13 तटीय राज्यों, संघ शासित प्रदेशों और अन्य समुद्री हितधारकों के बीच समन्वय तक ही सीमित है। साथ ही विभिन्न तटीय और समुद्री सुरक्षा उपायों की प्रगति की समीक्षा करने के लिए कभी-कभी ही सक्रिय होती है। हालांकि मुंबई हमले के बाद से तटीय राडार नेटवर्क से लेकर राज्य के समुद्री पुलिस स्टेशनों तक कई उपाय किए जा चुके हैं। इसके बावजूद ​​समुद्री सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए ​अंतर-मंत्रालयी परामर्श के बाद ​'राष्ट्रीय समुद्री आयोग​' बनाने का फैसला ​​​लिया गया।
 
​सूत्रों के अनुसार ​​राष्ट्रीय समुद्री आयोग (एनएमसी) बनने के बाद केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों (गृह, जहाजरानी, ​​मत्स्य पालन आदि) और राज्य सरकारों से लेकर नौसेना, तटरक्षक बल, सीमा शुल्क विभाग, सीमा शुल्क, सीमा शुल्क, सीमा शुल्क, सीमा शुल्क, खुफिया एजेंसियों और बंदरगाह अधिकारियों आदि के बीच तालमेल बनाया जायेगा। दरअसल भारत को 'विशाल और महत्वपूर्ण' समुद्री डोमेन को संभालने के लिए 'पूर्णकालिक ढांचे' की आवश्यकता जताई गई है। भारत एक प्रायद्वीपीय देश है, जो पश्चिम में अरब सागर, दक्षिण में हिन्द महासागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी से घिरा हुआ है। भारत अपनी जलीय सीमा पाकिस्तान, मालदीव, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों के साथ साझा करता है। 
 
भारत की विभिन्न देशों के साथ लंबी जलीय सीमा से कई प्रकार की सुरक्षा संबंधी चिंता उत्पन्न होती है। इन चुनौतियों में समुद्री द्वीपों के निर्जन स्थानों पर हथियार एवं गोला बारूद रखना, राष्ट्रविरोधी तत्त्वों की देश में घुसपैठ एवं यहां से भागना, अपतटीय एवं समुद्री द्वीपों का प्रयोग आपराधिक क्रियाकलापों के लिए करना, समुद्री मार्गों से तस्करी करना आदि शामिल हैं। इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए '​​राष्ट्रीय समुद्री आयोग' के गठन को ​कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (​सीसीएस) की​ मंजूरी मिलने का इंतजार है। 


बनारस और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. banarasvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.