नई दिल्ली, 16 अप्रैल । ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने भगोड़े आर्थिक कारोबारी नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने को मंजूरी दे दी है।
भगोड़ा आर्थिक कारोबारी नीरव मोदी भारत को सौंपे जाने के ब्रिटिश सरकार के फैसले के खिलाफ 14 दिन के अंदर ऊपरी अदालत में अपील कर सकता है। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया को यह जानकारी दी। प्रवक्ता के अनुसार गृहमंत्री प्रीति पटेल ने गुरुवार को नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के फैसले को मंजूरी दे दी।
लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत ने भारत भेजने के बारे में फरवरी महीने में फैसला सुनाया था। अदालत ने मोदी की इन दलीलों को खारिज कर दिया कि भारत में उसके खिलाफ निष्पक्ष जांच नहीं होगी।
ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर अदालत अदालत ने कहा था कि नीरव को भारत की अदालती कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इसके बाद मामला ब्रिटेन की गृहमंत्री के विचाराधीन था। शुक्रवार को पटेल ने मोदी को भारत को सौंपने को मंजूरी दे दी।
लम्बे समय तक चली कानूनी लड़ाई के बाद भारतीय जांच एजेंसियों को यह बड़ी सफलता हासिल हुई है। मोदी पर सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक से अरबों रुपये हड़पने का आरोप है।
नीरव मोदी ने प्रत्यर्पण से बचने के लिए ब्रिटेन की न्यायिक प्रणाली का सहारा लेने की पुरजोर कोशिश की लेकिन वह नाकाम रहा। आर्थिक भगोड़े ने ब्रिटेन में राजनीतिक शरण लेने का भी प्रयास किया था।
लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत ने प्रत्यर्पण के खिलाफ नीरव मोदी की सभी दलीलों को खारिज कर दिया था। अदालत ने उसे मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखे जाने का आदेश सुनाया था। जेल में उसे आवश्यक चिकित्सा सुविधा प्रदान करने का भी निर्देश दिया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में भारत से पलायन करने वाले आर्थिक अपराधियों को स्वदेश लाने तथा उन्हें कानूनी कटघरे में खड़ा करने की मुहिम में यह बड़ी सफलता है। विजय माल्या और मेहुल चौकसी जैसे आर्थिक अपराधियों ने भारत में कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए विदेशों में पनाह ले रखी है।
नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक के साथ फर्जी लेनदेन करने का आरोप लगा है। नीरव मोदी का जन्म जामनगर गुजरात में हुआ था और उनकी परवरिश एंटवर्प जर्मनी में हुई थी। उनका परिवार कई पीढ़ियों से हीरे के कारोबार में लगा हुआ है।
नीरव मोदी के डिजाइनर ज्वेलरी बुटीक लंदन, न्यूयॉर्क, लॉस वेगास, हवाई, सिंगापुर और मकाऊ में है। इसी तरह के स्टोर उनके दिल्ली और मुंबई में भी हैं।
हीरा कारोबारी मोदी ने 1999 में फायरस्टार की नींव रखी थी। साल 2013 में फाब्स की भारतीय अरबपतियों की सूची में शामिल हुए थे। इसी सूची में वह 2017 में भारत के 84वें सबसे अमीर व्यक्ति थे।
वर्ष 2018 में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पंजाब नेशनल बैंक से मिली एक शिकायत पर उनके खिलाफ जांच शुरू की थी। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने सहयोगियों और बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर षड्यंत्र कर विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को फर्जी भुगतान पत्र दिलवाए हैं। इस तरह से उन्होंने कुल 28000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। वही पंजाब नेशनल बैंक का कहना है कि उनके कारनामे से बैंक को 11000 करोड़ का चूना लगा है। बैंक के ही आग्रह पर प्रदर्शन निकाल न्यायालय ने धोखाधड़ी में जांच शुरू की थी।
जांच के डर से नीरव देश छोड़कर भाग गया था। बाद में पता चला कि वह लंदन में है और भारतीय जांच अधिकारियों ने उसके खिलाफ प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरु की।