नई दिल्ली, 22 नवंबर (न्यूज हेल्पलाइन) महाराष्ट्र के बहुचर्चित मनी लॉन्ड्रिंग केस जिसमें महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और की बड़े अधिकारियों व नेताओं के ऊपर व्यपारियों से पुलिस अधिकारियों के मार्फत फिरौती वसूलने का आरोप है, में एक मुख्य पक्ष या गवाह मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह देश में हैं।
पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को साफ-साफ बताया कि वे फरार नहीं हैं। उनके वकील ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह छिप कर रह रहे हैं, क्योंकि उन्हें मुंबई पुलिस से अपनी जान का खतरा है।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह 48 घंटे के भीतर सीबीआई के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उसे गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की और उसे जांच में शामिल होने का निर्देश दिया।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने परम बीर सिंह की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताते हुए महाराष्ट्र सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए इस मामले को 6 दिसंबर को सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया।
ज्ञात हो कि इस हाई प्रोफाइल मामले में पिछली सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने विगत गुरुवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को अपना पता बताने का निर्देश देते हुए कहा था कि जब तक हमें यह पता नहीं चल जाता कि आप कहां हैं? तब तक कोई सुरक्षा नहीं दी जाएगी, कोई सुनवाई नहीं होगी। परमबीर सिंह ने न्यायालय से सुरक्षात्मक आदेश देने का अनुरोध किया है।
ज्ञात हो सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के दो दिन बाद ही विगत शनिवार को मुंबई क्राइम ब्रांच ने गोरेगांव में एक पुलिस थाने में उनके तथा अन्य आरोपियों के खिलाफ दर्ज वसूली के मामले में भगोड़ा आरोपी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। बता दें कि कोर्ट के द्वारा लगातार समन जारी होने के बाद भी पेश न होने के कारण मुंबई की अदालत ने परमबीर सिंह को आधिकारिक रूप से भगोड़ा घोषित कर दिया है। इस आदेश में कहा गया है कि अगर परमबीर सिंह जल्द ही मुंबई पुलिस के सामने सरेंडर नहीं करते हैं तो उनकी संपत्तियों को मुंबई पुलिस जब्त कर लेगी।
ज्ञात हो कि इस हाई प्रोफाइल कथित 100 करोड़ रुपए मनी लॉन्ड्रिंग मामले की शुरुआत तब हुई थी जब इसी साल के फरवरी में रिलायंस समूह के मालिक मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास जिलेटिन की छड़ों से लदी कार मिली थी। एंटीलिया मामले की जांच के क्रम में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलिजेंट यूनिट (सीआईयू) के प्रमुख एपीआई सचिन वाजे को गिरफ्तार किया था।
सचिन वाजे ने पूछताछ में बताया कि अजित पवार सहित कुछ नेताओं ने गुटखा व्यापारियों से हर महीने 2-2 करोड़ रुपए वसूल करने की मांग की है। इस प्रकरण में मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ वसूली करने की मांग का आरोप लगाया था। ED इसके बाद से ही इस मामले में छानबीन कर रही है। इस मामले में सीबीआई भी साथ में कार्रवाई कर रही है। फिलहाल महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री भी न्यायिक हिरासत में हैं और उनसे इस मामले में पूछताछ हो रही है।