नई दिल्ली, 4 दिसंबर (न्यूज़ हेल्पलाइन) कथित आईएनएक्स मीडिया घोटाले के मामले में विशेष सीबीआई न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने पीटर मुखर्जी को जमानत दे दीं जो आईएनएक्स मीडिया के पूर्व निदेशक और मुख्य परिचालन अधिकारी थे।
जमानत अर्जी पर करंजवाला एंड कंपनी के सीनियर पार्टनर संदीप कपूर ने दलील दी और वकील अपूर्व पांडे, अशनीत सिंह, मृदुल यादव और जीजी कश्यप ने मदद की।
मामले के अनुसार, आईएनएक्स मीडिया (पी) लिमिटेड द्वारा विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी के बिना अतिरिक्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दी गई थी, जिसे पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने कथित तौर पर तत्कालीन सरकार के साथ अपने संबंधों के आधार पर विभिन्न सरकारी विभागों के लोक सेवकों को प्रभावित करके खारिज कर दिया था। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और विचार के रूप में भारी किक-बैक प्राप्त कर रहे हैं।
27 नवंबर को, उसी विशेष अदालत ने एयरसेल मैक्सिस मनी-लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों के संबंध में ईडी और सीबीआई मामलों में चिदंबरम और अन्य को समन जारी किया था, जिसमें सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया है कि जैसा कि पूर्व वित्त मंत्री ने अपनी क्षमता से परे सौदे को मंजूरी दी थी जिससे कुछ व्यक्तियों को लाभ हुआ और उन्हें बदले में रिश्वत मिली थी।
आरोप है कि चिदंबरम ने सौदे की विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी को तब तक रोक दिया जब तक कि उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को कंपनी में पांच प्रतिशत हिस्सा नहीं मिल गया।
जांच एजेंसियों की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने पहले अदालत को सूचित किया था कि एजेंसियों ने एक विदेशी अदालत के माध्यम से सूचना प्राप्त करने के लिए विभिन्न देशों को अनुरोध पत्र भेजा है।
उस समय लागू नियमों और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के अनुसार, चिदंबरम को कथित तौर पर केवल 600 करोड़ रुपये तक के विदेशी निवेश वाले प्रस्तावों को मंजूरी देने का अधिकार था।
विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने कहा कि भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों में चिदंबरम और अन्य आरोपियों को तलब करने के लिए उनके पास पर्याप्त सबूत हैं।