नई दिल्ली, 19 नवंबर (न्यूज़ हेल्पलाइन) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात में कहा है कि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय किया है। ज्ञात हो कि इन तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों ने किसानों को साथ लेकर देश भर में विरोध और प्रदर्शन कर रहे थे। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा किआज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे। हालांकि प्रधानमंत्री ने दुख जताते हुए कहा कि केंद्र ने एक साफ नियत से किसानों के फायदे के लिए ये कृषि कानून लाए थे, मगर अफसोस कि वह किसानों को इसके फायदे को समझाने में असमर्थ रहें।
मुख्य रूप से कृषि कानूनों में तीन ऐक्ट हैं, जिनमें पहला है कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम -2020 {The Farmers Produce Trade and Commerce (promotion and facilitation) Act, 2020} दूसरा है, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 {The Farmers (Empowerment and Protection) Agreement on Price Assurance and Farm Services Act,2020} और तीसरा है, आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020 {The Essential Commodities (Ammendment) Act 2020}
यह ऐक्ट दरअसल किसानों को कृषि उत्पाद बाजार समिति (Agricultural produce market committee-APMC) में अपनी उपज बेचने की सुविधाएं उपलब्ध करवाता है।APMC को आम बोलचाल की भाषा में अनाज मंडी या सब्जी मंडी कहते हैं। इसे किसानों को साहूकारों के चंगुल से बचाने के लिए बनाया गया था। साहूकार किसानों से उनकी उपज खेतों में ही ब्याज के नाम पर ना छीन सकें इसलिए प्रावधान किया गया कि किसानों को अपनी फसल स्थानीय मंडियों में लाकर ही बेचना होगा। यहां बैठे हुए थोक बाजारी उनसे उनकी उपज खरीदा करते हैं। वहां कमीशन एजेंट्स होते हैं जो किसानों और व्यापारियों को इस खरीद-बिक्री में मदद करते हैं।
पिछले काफी समय से चल रहे कृषि आंदोलन और विपक्षी नेताओं के प्रदर्शन और आलोचनाओं के बीच आज किसानों के पक्ष में सरकार ने बहुत बड़ा फैसला किया. इस फैसले के ऐलान के बाद पीएम मोदी ने कहा कि किसान अब वापस लौट जाएं।अपने खेतों में काम करें।
हम कानूनों को वापस ले रहे हैं: पीएम मोदी
--कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमारी ही तपस्या में शायद कोई कमी रह गई।
-अब किसान अपने खेतों, अपने घरों के लिए वापस लौटें।अपने काम के लिए लौटें।
- आज से एक नई शुरुआत कर रहा हूं. जो कर रहा हूं, देश के लिए कर रहा हूं. नेक नीयत से कर रहा हूं।
-आज गुरु नानक देव जी का पवित्र प्रकाश पर्व है. मैं विश्वभर में सभी लोगों को और सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं।
- ये भी बहुत सुखद है, कि डेढ़ साल के अंतराल के बाद करतारपुर साबिह कॉरिडोर अब फिर से खुल गया है।
-पीएम मोदी ने कहा कि अपने पांच दशक के जीवन में किसानों की चुनौतियों को बहुत करीब से देखा है जब देश हमें 2014 में प्रधानसेवक के रूप में सेवा का अवसर दिया तो हमने कृषि विकास, किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।
-देश के छोटे किसानों की चुनौतियों को दूर करने के लिए, हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत, इन सभी पर चौतरफा काम किया. सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ ही किसानों को नीम कोटेड यूरिया, सॉयल हेल्थ कार्ड, माइक्रो इरिगेशन जैसी सुविधाओं से भी जोड़ा।
- हमने MSP तो बढ़ाई ही, साथ ही साथ रिकॉर्ड सरकारी खरीद केंद्र भी बनाए. हमारी सरकार द्वारा की गई उपज की खरीद ने पिछले कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।किसानों को उनकी मेहनत के बदले उपज की सही कीमत मिले, इसके लिए भी अनेक कदम उठाए गए. देश ने अपने Rural market infrastructure को मजबूत किया।
-देश के छोटे किसानों की चुनौतियों को दूर करने के लिए, हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत, इन सभी पर चौतरफा काम किया. हम किसानों के लिए सच्चे मन से काम कर रहे हैं।