नई दिल्ली, 7 सितंबर (न्यूज़ हेल्पलाइन)
शिक्षक दिवस के दो दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शिक्षा क्षेत्र में नई पहल शुरू की उन्होंने कहा कि यह भारत के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।
प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 'शिक्षक पर्व' के उद्घाटन सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश के शिक्षा क्षेत्र को विश्वस्तरीय बनाने के लिए देश में शिक्षण प्रक्रिया को लगातार नए सिरे से परिभाषित और नया स्वरूप देना होगा।
उन्होंने एक पोर्टल लॉंच किया जिसका नाम विद्यांजलि पोर्टल है जो स्कूल के विकास के लिए शिक्षा स्वयंसेवकों, दाताओं या सीएसआर योगदानकर्ताओं की सुविधा के लिए है।
विद्यांजलि पोर्टल के बारे में निम्न जानकारी महत्त्वपूर्ण है, जानें इसके बारे में और इसके लाभ:
• विद्यांजलि पोर्टल समुदाय/स्वयंसेवकों को उनकी पसंद के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों से सीधे जुड़कर योगदान करने में सक्षम बनाएगा।
• शिक्षा मंत्रालय के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो भारत/एनआरआई/पीआईओ या भारत में पंजीकृत किसी भी संगठन/संस्थान/कंपनी/समूह का नागरिक है वह अपनी इच्छा से दो तरह से योगदान कर सकता है:
1- सेवाएं/गतिविधियां प्रदान करना
2- संपत्ति/सामग्री/उपकरण जैसे बुनियादी नागरिक बुनियादी ढांचा, बुनियादी विद्युत अवसंरचना, कक्षा समर्थन सामग्री और उपकरण, डिजिटल बुनियादी ढांचा, पाठ्येतर गतिविधियों और खेल, योग, स्वास्थ्य, आदि के लिए उपकरण प्रदान करना।
• इसके साथ-साथ वैज्ञानिक/ सरकारी व अर्ध सरकारी अधिकारी, सेवानिवृत्त सशस्त्र बल कर्मी, स्व-नियोजित और वेतनभोगी पेशेवर, शैक्षणिक संस्थानों के पूर्व छात्र, गृहिणी और कोई भी अन्य साक्षर व्यक्ति सहायता के लिए अनुरोध करने वाले सरकार मान्य स्कूल में खुद स्वयंसेवा कर सकते हैं।