नई दिल्ली, 7 सितंबर ( न्यूज हेल्पलाइन)
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 10:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षक पर्व के उद्घाटन सम्मेलन को संबोधित करेंगे।इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री शिक्षा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहलों का भी शुभारंभ करेंगे।
प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, पीएम मोदी इंडियन साइन लैंग्वेज डिक्शनरी (श्रवण बाधितों के लिए ऑडियो और टेक्स्ट एम्बेडेड साइन लैंग्वेज वीडियो, यूनिवर्सल डिजाइन ऑफ लर्निंग के अनुरूप), टॉकिंग बुक्स (नेत्रहीनों के लिए ऑडियोबुक) लॉन्च करेंगे। , सीबीएसई का स्कूल गुणवत्ता आश्वासन और मूल्यांकन ढांचा, निपुन भारत और विद्यांजलि पोर्टल के लिए निष्ठा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम (स्कूल विकास के लिए शिक्षा स्वयंसेवकों / दाताओं / सीएसआर योगदानकर्ताओं की सुविधा के लिए)।
'शिक्षक पर्व-2021' का विषय "गुणवत्ता और सतत स्कूल: भारत में स्कूलों से सीखना" है। इसका उत्सव न केवल सभी स्तरों पर शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए बल्कि देश भर के स्कूलों में गुणवत्ता, समावेशी प्रथाओं और स्थिरता में सुधार के लिए नवीन प्रथाओं को प्रोत्साहित करेगा।
पीएमओ ने कहा कि ‘शिक्षक पर्व’ का यह उत्सव न केवल सभी स्तरों पर शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करेगा, बल्कि देश भर के स्कूलों में क्वालिटी, इंक्लूसिव प्रैक्टिसिस और सस्टेनेबिलिटी में सुधार के लिए इनोवेटिव प्रैक्टिसिस को मोटिवेट भी करेगा।इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) और अन्य शिक्षा राज्य मंत्री भी शामिल होंगे।
उद्घाटन कॉन्क्लेव के बाद 17 सितंबर तक वेबिनार, डिस्कशन्स और प्रेजेन्टेशन चलेगा, जिसमें देश के विभिन्न स्कूलों के शिक्षाविदों को अपने अनुभव, सीख और आगे का रोडमैप शेयर करने के लिए इनवाइट किया गया है।गौरतलब है कि दूर-दराज के स्कूलों के शिक्षक और व्यवसायी भी स्कूल में क्वालिटी और इनोवेशन से संबंधित मुद्दों पर बोलेंगे।
एक अधिकारी ने बताया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिक्षकों, छात्रों, अभिभावकों और शिक्षा से जुड़े विभिन्न पक्षों को संबोधित करेंगे।वह स्कूल शिक्षा विभाग की पांच पहलों की शुरुआत भी करेंगे।इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, सुभाष सरकार और राजकुमार रंजन सिंह भी शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि उद्घाटन सम्मेलन के बाद 17 सितंबर तक वेबिनार, सेमिनार आदि का आयोजन किया जाएगा, जिनमें देश के विभिन्न स्कूलों के शिक्षाविदों को भी अपने अनुभव साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है।