मुंबई, 22 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर (IAC) विक्रांत नेवी में कमीशन के लिए तैयार है। PM नरेंद्र मोदी 2 सितंबर को आधिकारिक तौर पर इसे भारतीय नौसेना को सौंपेंगे। यह देश में निर्मित सबसे बड़ा युद्धपोत है। इसकी लागत करीब 20 हजार करोड़ रुपए है। आपको बता दे विक्रांत के आने से भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास खुद एयरक्राफ्ट कैरियर डिजाइन करने और उसे बनाने की क्षमता है। विक्रांत का वजन 40,000 टन है। इस पर 30 फाइटर जेट्स तैनात किए गए हैं। इनमें MiG-29K, Kamov-31 और MH-60R हेलिकॉप्टर शामिल हैं। इसमें 2,300 से ज्यादा कंपार्टमेंट हैं, जिन्हें लगभग 1700 लोगों के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें महिला अधिकारियों के लिए स्पेशल केबिन भी शामिल हैं। विक्रांत की टॉप स्पीड 28 नॉट्स है। यह एक बार में 7500 समुद्री मील की दूरी तय कर सकता है। विक्रांत 262 मीटर लंबा है। इसकी चौड़ाई 62 मीटर और ऊंचाई 59 मीटर है। इसका निर्माण 2009 में शुरू हुआ था। IAC का फ्लाइट डेक दो फुटबॉल मैदान के बराबर है।
इंडियन ओशन में सैन्य मौजूदगी बढ़ाने की चीन की बढ़ती कोशिशों के चलते विक्रांत भारत के रणनीतिक हितों के लिए बहुत जरूरी है। इसके आने के बाद भारत की समुद्री ताकत और बढ़ेगी। यह पोत भारतीय नौसेना के इन-हाउस डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन (DND) द्वारा डिजाइन किया गया है। इसका निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है। वाहक का नाम भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के भारत-पाक युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। INS विक्रांत अब रिटायर हो चुका है। भारत के पास अभी सिर्फ एक एयरक्राफ्ट कैरियर जहाज ‘INS विक्रमादित्य’ है।