मुंबई, 20 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर फिर निशाना साधाते हुए चिंतन शिविर को असफल करार दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मुझे बार-बार उदयपुर चिंतन शिविर पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया है, लेकिन मेरे हिसाब से उदयपुर चिंतन शिविर कोई भी सार्थक उद्देश्य पूरा करने में फेल रहा है। इस शिविर से सिर्फ कांग्रेस लीडरशिप को थोड़ा और समय मिल गया है, कम से कम गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों तक के लिए।
आपको बता दे, PK ने अप्रैल में कांग्रेस में जान फूंकने के लिए एक 600 पन्नों का प्रेजेंटेशन दिया था। जिसमे उन्होंने इन बिन्दुओ को शामिल किया था।
- प्रेसिडेंट और वर्किंग कमेटी समेत हर पोस्ट के लिए कार्यकाल तय हो।
- 15 हजार जमीनी नेताओं के साथ 1 करोड़ कार्यकर्ता मुस्तैदी से काम करें।
- देश के अलग अलग हिस्सों में करीब 200 प्रभावी लोगों, एक्टिविस्ट्स और सिविल सोसायटी के लोगों का ग्रुप बनाया जाए।
- जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक नए सिरे से कांग्रेस कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट का पुनर्गठन हो।
- सोनिया कांग्रेस प्रेसिडेंट बनें। एक वर्किंग प्रेसिडेंट या वाइस प्रेसिडेंट गांधी परिवार से बाहर का होना चाहिए।
- राहुल गांधी को पार्लियामेंट्री बोर्ड का चीफ बनाया जाए।
- वन पोस्ट-वन पर्सन का फॉर्मूला सख्ती से लागू हो। अगर, ऐसा होता तो, गांधी परिवार को भी कांग्रेस में अहम पद छोड़ना पड़ता।
चिंतन शिविर के बाद भी इन बिन्दुओ पर कोई फैसला नहीं
- चिंतन के बाद भी अध्यक्ष पर सस्पेंस
- गठबंधन पर कोई फैसला नहीं
- मिशन 2024 पर कोई फाइनल डिसीजन नहीं
- वन पोस्ट वन पर्सन का फार्मूला शर्तों के साथ लागू
- नियम बना मगर शर्तें लागू कर दी गई
- गाँधी परिवार ने नहीं छोड़ा एहम पद
- कम्युनिकेशन नहीं हुआ मजबूत