मुंबई, 13 नवंबर (न्यूज़ हेल्पलाइन) त्रिपुरा में हालिया हिंसा के विरोध में शुक्रवार को महाराष्ट्र के नासिक, अमरावती और नांदेड़ जिलों में विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ द्वारा पथराव की घटनाओं के बाद दो पुलिसकर्मी घायल हो गए।
महाराष्ट्र के नांदेड़ में पुलिस वैन पर पथराव किया गया और देगलुर नाका और शिवाजी नगर में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों को मालेगांव और अमरावती में दुकानों और पुलिस वाहनों में आग लगाते देखा गया जिसके बाद विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए दंगा दस्ते को बुलाया गया।
गृह राज्य मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि पुलिस को हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा,“मैंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से बात की है और उनसे हिंसा के पीछे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। हमने असामाजिक तत्वों के खिलाफ पुलिस प्रशासन को अलर्ट कर दिया है। फ़िलहाल स्थिति नियंत्रण में है।”
दूसरी ओर नाशिक जिले के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर मालेगांव में मुस्लिम प्रदर्शनकारी थे। पुलिस ने कहा, “त्रिपुरा में समुदाय के इलाज के विरोध में इकट्ठा हुए थे, जहां 26 अक्टूबर को एक मस्जिद, कुछ घरों और दुकानों को कथित तौर पर बंद कर दिया गया था। एक रैली के दौरान दक्षिणपंथी समूह विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों द्वारा तोड़फोड़ की गई।”
वहीं मिलीं जानकारी के अनुसार अमरावती में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अत्याचार को रोकने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपने के लिए 8,000 से अधिक लोग जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर जमा हुए एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब लोग ज्ञापन सौंपकर जा रहे थे तो चित्रा चौक और कपास बाजार के बीच तीन स्थानों पर पथराव हुआ।
अमरावती के कोतवाली थाने में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। अमरावती पुलिस के डीसीपी ने कहा, “प्रदर्शन रैली को कोई अनुमति नहीं दी गई थी। हम प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर रहे हैं और तदनुसार कार्रवाई की जाएगी।”
इसके अलावा राज्य के हिंगोली और भिवंडी सहित राज्य के अन्य हिस्सों में हुए विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। धार्मिक और राजनीतिक संगठनों ने शुक्रवार को स्थानीय प्रतिष्ठानों और दुकानों को बंद करने के लिए शांतिपूर्ण बंद का आह्वान किया था। जिसके बाद विभिन्न जिलों के जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपे जाने थे। भिवंडी में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और समाजवादी पार्टी ने इस आह्वान का समर्थन किया।
राज्य में विपक्ष में चल रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सख्त कार्रवाई की मांग की है। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “त्रिपुरा में कथित घटनाओं के आधार पर, राज्य के विभिन्न हिस्सों में किए गए विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया। राज्य सरकार को स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।”