बीरभूम (पश्चिम बंगाल), 26 मार्च (न्यूज़ हेल्पलाइन) पश्चिम बंगाल का हिंसा से प्रभावित बीरभूम जिला (Birbhum violence) आज काफी व्यस्त रहा। एक तरफ भाजपा ने बीरभूम हिंसा की घटना (Birbhum violence case) को लेकर पदयात्रा की तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी न्याय यात्रा नाम से विरोध मार्च किया। एक और प्रगति के तहत कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने भी बीरभूम हिंसा स्थल पर पहुँच कर घटना की जांच शुरू की है।
ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा में विपक्ष के नेता (LoP) सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बीरभूम जिले में हिंसा को लेकर बीरभूम में पदयात्रा की, जिसमें काफी संख्या में कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। सुवेंदु अधिकारी ने पदयात्रा के बाद कहा कि हम यहां 48 घंटे धरना देंगे। राज्य के गृह मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं चलेगी, साजिशकर्ता भी गिरफ्तार हो।
दूसरी ओर पश्चिम बंगाल (West Bengal) से कांग्रेस सांसद और नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने बीरभूम में हुई हिंसा को लेकर 'न्याय यात्रा' नाम से विरोध मार्च निकाला।
ज्ञात हो कि विगत सोमवार को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में हुई हिंसा (Birbhum Violence) में 10 लोगों की जलने से मौत हो गई थी। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट के तृणमूल (TMC) नियंत्रित गांव में पंचायत के उप प्रमुख भादू शेख की हत्या के तुरंत बाद दो बच्चों सहित 10 लोगों की जलकर मौत हो गई।
सूत्रों के अनुसार रामपुरहाट कस्बे के बाहरी इलाके में स्थित गांव के करीब दस घरों में अज्ञात बदमाशों ने बम फेंके क्योंकि परिवार गहरी नींद में थे। आग की घटना जिसमें 10 लोगों की मौत हुई है, को टीएमसी नेता की हत्या का प्रतिशोध बताया गया है। इस घटना (Birbhum Violence) के बाद से इलाके से लगातार पलायन भी हो रहा है। कई स्थानीय लोग इलाके में सुरक्षा न मिलने की बात कह रहे हैं। हालांकि घटना के 5 दिन बाद भी मौतों की संख्या पर असमंजस है। अब जबकि कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने इस घटना (Birbhum massacre) की जांच का जिम्मा सीबीआई (CBI Probe) को दे दिया है, इसलिए पूरा मामला साफ़ होने की उम्मीद जगी है।