श्रीनगर, 10 अगस्त 2021 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद (सांसद) राहुल गांधी अपने कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को श्रीनगर पहुंचे। मंगलवार को वह पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी की जम्मु कश्मीर पर रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे।
अधिकारिक सूत्रों से मिलीं जानकारी के अनुसार राहुल गांधी सोमवार को शाम करीब 5 बजे श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे इस दौरान जम्मू-कश्मीर कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष जीए मीर और वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने उनका स्वागत किया।
राहुल गांधी ने मंगलवार सुबह गांदरबल जिले के तुलमुल्ला में माता खीर भवानी मंदिर में माथा टेका और अपने दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत की। बताया जा रहा है की राहुल गांधी गांदरबल से बाद में श्रीनगर के बाहरी इलाके में दरगाह हजरतबल जाएंगे। वहीं सुबह 11 बजे वह एमए रोड स्थित पार्टी मुख्यालय में नवनिर्मित परिसर का उद्घाटन करेंगे। राहुल खुद कार्यालय का उद्घाटन करने के लिए काफी उत्सुक हैं वहीं स्थानीय कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में ख़ुशी का माहौल है क्यूँकि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद राहुल का यह पहला दौरा है।
मिलीं जानकारी के अनुसार कांग्रेस नेता की यह यात्रा व्यक्तिगत नहीं राजनीतिक (यात्रा) है, जिसके दौरान वह (गांधी) पार्टी के प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। कश्मीर में पार्टी की गतिविधियों का प्रत्यक्ष विवरण प्राप्त करेंग़े।
हालांकि, राहुल गांधी ने पहले भी जम्मू का दौरा करने की योजना बनाई थी लेकिन संसद के चल रहे मानसून सत्र के कारण वह ऐसा करने में असमर्थ हैं। बताया जा रहा है की वह इस बार जम्मू नहीं जा पाएंगे, लेकिन आने वाले दिनों में निश्चित रूप से वहां का दौरा करेंगे।
गांधी मंगलवार को जम्मू-कश्मीर कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष जीए मीर के बेटे के विवाह समारोह में भी शामिल होंगे जिसके साथ अपने दौरे का अंत करते हुए राहुल गांधी मंगलवार शाम को नई दिल्ली वापस लौटेंगे।
उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से राहुल गांधी की यह पहली कश्मीर यात्रा होगी। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के दो सप्ताह बाद राहुल गांधी एक प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में श्रीनगर पहुंचे थे। हालांकि, प्रतिनिधिमंडल को घाटी का दौरा करने से रोक दिया गया और श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से वापस लौटा दिया गया था तब वह विपक्षी दल के नेता थे।