कोलकाता, 30 जुलाई 2021 रात भर हुई भारी बारिश के कारण जल स्तर बढ़ने के कारण उत्तर बंगाल के कलिम्पोंग पहाड़ियों में ममखोला नाले में बहने से दो मजदूरों की मौत हो गई व क़रीब दो अन्य घायल होने के साथ-साथ चार अन्य के लापता होने की जानकारी मिली है।
वहीं हिमलायी राज्य सिक्किम को देश से जोड़ने वाले मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग 10 के कई हिस्सों में भूस्खलन के कारण सिक्किम देश के बाकी हिस्सों से कट गया जिससे राज्य का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है।
और तो और भारी बारिश के कारण ट्रैक पर पानी भर जाने से पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी रेलवे की पूर्वा एक्सप्रेस, लाल कुआँ एक्सप्रेस और हावड़ा भागलपुर एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। जबकि हावड़ा को चेन्नई, पुणे, अहमदाबाद, भुवनेश्वर, हैदराबाद, मुंबई, मैसूर से जोड़ने वाली कई ट्रेनों को या तो पुनर्निर्धारित करना पड़ा।
कोलकाता में भारत मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र (आरडब्ल्यूएफसी) से मिलीं जनजाति के मुताबिक़ पश्चिम बंगाल राज्य में पूर्वी मिदनापुर के पंसकुरा में पिछले 24 घंटों में लगभग 250 मिमी बारिश हुई, कोलकाता में 150 मिमी इसके बाद हावड़ा में उलुबेरिया और दक्षिण 24 परगना में डायमंड हार्बर में लगभग 220 मिमी बारिश हुई और दक्षिण बंगाल और तटीय जिलों के कई इलाकों में भारी बारिश हुई
दार्जिलिंग और कलिम्पोंग की पहाड़ियों में लगभग 110 से 180 मिमी बारिश हुई जिसके परिणामस्वरूप नदी के स्तर में वृद्धि हुई और कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ।
कालिम्पोंग के पुलिस अधीक्षक हरि कृष्ण पई ने कहा, 'शुक्रवार की सुबह तेज बारिश और शिलाखंड गिरने के कारण शिविर के पास के नाले में पानी भर गया और शिविर में आठ लोग बह गए। वहाँ मजदूरों का एक शिविर था, जो रूंगपो के पास ममखोला में सेवक-रुंगपो रेल परियोजना पर काम कर रहे थे।
हावड़ा और न्यू टाउन में जहां भारी बारिश के कारण बड़े क्षेत्र जलमग्न हो गए जिसकी वजह से प्रशासन को लोगों को बचाने के लिए नावों को तैनात करना पड़ा। पूर्वी बर्दवान, हावड़ा और हुगली के बड़े क्षेत्रों में जलमग्न होने की संभावना थी क्योंकि दामोदर घाटी निगम को मैथन और पंचेत में बैराजों से अधिक पानी छोड़ा गया था।
हालांकि, कोलकाता के ऊपर आसमान साफ होना शुरू हो गए क्योंकि कम दबाव राज्य के पश्चिमी हिस्सों और इससे सटे झारखंड की ओर बढ़ गया। कोलकाता की कई सड़कों में घुटनों तक पानी भर गया था, लेकिन बारिश थमने के साथ ही जलस्तर कम होने लगा।