मुंबई, 22 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन दो दिन के लिए भारत दौरे पर हैं। दौरे के आखिरी दिन जॉनसन नई दिल्ली पहुंचे। इसके पहले हैदराबाद हाउस में PM नरेंद्र मोदी ने जॉनसन का स्वागत किया। जॉनसन ने भारत में शानदार स्वागत के लिए सबसे पहले मोदी का शुक्रिया अदा किया। कहा बेहतरीन स्वागत के लिए प्रधानमंत्री मोदी और भारत के लोगों का शुक्रिया। जब मैं यहां पहुंचा तो लगा जैसे मैं सचिन तेंदुलकर हूं। फिर चारों तरफ लगे होर्डिंग्स को देखकर लगा जैसे मैं अमिताभ बच्चन हूं। मोदी वैसे भी मेरे खास दोस्त हैं। जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की। जॉनसन और मोदी ने भारत और ब्रिटेन के बीच रिश्तों की समीक्षा की। इस दौरान दोनों के बीच स्ट्रैटेजिक डिफेंस, डिप्लोमेसी और इकोनॉमिक पार्टनरशिप पर चर्चा हुई। हिंद और प्रशांत महासागर में चीन की चुनौती के मद्देनजर सुरक्षा सहयोग भी बातचीत का अहम हिस्सा था। जिसके बाद उन्होंने गुरुवार का दिन को याद कर गुजरात के लोगों को भी धन्यवाद दिया। और कहा वहां के लोगों ने मेरा तहे दिल से स्वागत किया। यह वास्तव में यादगार पल था। इससे पहले मैंने दुनिया में कभी इस तरह का ग्रैंड वेलकम नहीं देखा था। गुजरात के लोगों का दिल से शुक्रिया। यह मोदी का होम स्टेट भी है और मैं पहली बार वहां गया था।
आपको बता दे जॉनसन महात्मा गांधी के समाधिस्थल राजघाट भी गए। यहां उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। एयरपोर्ट पर उन्हें केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रिसीव किया। इससे पहले जॉनसन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच एक्सपेंडिंग पार्टनरशिप और इंडो-यूके रोडमैप 2030 को लागू करने पर चर्चा हुई। ब्रिटेन में भारतीय मूल के 15 लाख लोग हैं, जो वहां की GDP में 6% का योगदान देते हैं। ब्रिटेन में करीब 1 लाख भारतीय छात्र पढ़ते हैं। ब्रिटेन और भारत के बीच बीते दो दशक में व्यापार 3 गुना बढ़ा है। बीते साल भारत ने 51,054 करोड़ का आयात किया, जबकि निर्यात 79,000 करोड़ रुपए रहा। सेवा क्षेत्र को मिलाकर कारोबार 3.81 लाख करोड़ रुपए है।
मीडिया के सवालो के जवाब -
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मीडिया के सवालों के भी जवाब दिए। जिसमे भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी, विजय माल्या को भारत के हवाले करने पर जॉनसन ने कहा हमारी सरकार तो प्रत्यर्पण की मंजूरी दे चुकी है, लेकिन मामला कानूनी पेचीदगियों में उलझा है। हम ऐसे किसी शख्स को अपने देश के कानून का बेजा इस्तेमाल नहीं करने देंगे जो भारत में अपराधी घोषित है।
ब्रिटेन में खालिस्तानियों की मौजूदगी के सवाल पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा मैं बिल्कुल साफ कर देना चाहता हूं कि हम कट्टरपंथियों या आतंकियों को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। भारत की मदद के लिए हमने एंटी एक्सट्रीमिस्ट फोर्स बनाई है। ह्यूमन राइट्स के मुद्दे पर दोनों देश संपर्क में हैं। भारत में सभी के लिए संवैधानिक सुरक्षा की व्यवस्था है और हम इसे महसूस भी करते हैं।