राज्य न्यूज डेस्क् !!! गोधन योजना शुरू होने के दो साल बाद फल दे रही है और इसने न केवल पशु मालिकों को लाभान्वित करके बल्कि छत्तीसगढ़ में जैविक खेती को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया है। आपको बता दें कि, सरकार की ओर से मंगलवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि योजना के तहत पशुपालकों से 75.38 लाख क्विंटल गोबर 2 रुपये प्रति किलो खरीदा गया है और 150.75 करोड़ रुपये की राशि उनके बैंक खातों में ई-ट्रांसफर की गई है । बताया जा रहा है कि, गाय के गोबर को जैविक खाद के रूप में परिवर्तित कर किसानों को नो लॉस-नो प्रॉफिट योजना के तहत बेचा गया। इसके आगे आपको बता दें कि, इस प्रकार छत्तीसगढ़ में गौठान और गोधन न्याय योजनाओं के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई गति मिली है।
गौरतलब है कि, किसान जैविक खेती की ओर लौट रहे हैं, जिससे जैविक खेती की लागत में कमी और उत्पादन में दो गुना वृद्धि हो रही है। गोधन न्याय योजना पशुधन मालिकों और महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए वरदान साबित हुई है। छत्तीसगढ़ सरकार वर्तमान में लगभग 8,000 गौठानों का संचालन करती है।