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अपनी जाति-धर्म पर छिड़े विवाद के बीच समीर वानखेड़े राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के दिल्ली कार्यालय में पहुंचे

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Posted On:Monday, November 1, 2021

नई दिल्ली, 1 नवंबर (न्यूज हेल्पलाइन)     मुंबई Narcotics Control Bureau (NCB) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े अपनी जाति और धर्म पर छिड़े विवाद के बीच राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के दिल्ली कार्यालय पहुंचे हैं। यहां पर समीर वानखेड़े, एनसीपी नेता नवाब मलिक के आरोपों के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में शिकायत कर सकते हैं।

ज्ञात हो कि विगत दिनों राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य अरुण हलदर ने समीर वानखेड़े के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी। बता दें कि क्रूज ड्रग केस में अपनी सक्रियता के लिए हाईलाइटेड हुए मुंबई NCB के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के जाति और धर्म को लेकर बहुत राजनीति और मीडिया ट्रायल किया जा रहा है।  

आज दिल्ली में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के कार्यालय में समीर वानखेड़े में पहुंचने के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य सुभाष रामनाथ पारधी ने कहा कि समीर वानखेड़े यहां आयोग के समक्ष अपना विषय पेश करने आए हैं। हम उनके दस्तावेजों को देखेंगे और सत्यापित करेंगे। 

ज्ञात हो कि  समीर वानखेड़े के मुद्दे पर आज मीडिया को संबोधित करते हुए एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कल, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और भाजपा के अध्यक्ष, अरुण हलदर ने समीर वानखेड़े के आवास का दौरा किया और उन्हें क्लीन चिट दी। उन्हें पहले एक जांच करनी चाहिए थी और एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपनी चाहिए थी। हम राष्ट्रपति से उनकी शिकायत करेंगे। 

ज्ञात हो कि विगत हफ्ते समीर वानखेड़े ने अपने जाति और धर्म पर हो रहे विवाद पर बोलते हुए कहा था कि मैं बहुधार्मिक और धर्मनिरपेक्ष परिवार से ताल्लुक रखता हूं। मेरे पिता एक हिंदू हैं और मेरी मां एक मुस्लिम थीं। ट्विटर पर मेरे व्यक्तिगत दस्तावेजों का प्रकाशन मानहानि और मेरी पारिवारिक गोपनीयता का हनन है। महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के निंदनीय हमलों से आहत हूं। 

बता दें कि समीर वानखेड़े ने विगत 25 अक्टूबर को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा था कि यह मेरे ध्यान में आया है कि महाराष्ट्र सरकार के माननीय अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने अपने ट्विटर हैंडल पर मुझे "समीर दाऊद वानखेड़े जी” कह कर संबोधित किया है। इस सन्दर्भ में मैं यह व्यक्त करना चाहता हूँ कि मेरे पिता स्व. ज्ञानदेव काचरूजी वानखेड़े 30.06.2007 को राज्य आबकारी विभाग, पुणे के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए। मेरे पिता एक हिंदू हैं और मेरी मां स्वर्गीय श्रीमती जाहिदा एक मुस्लिम थीं। 

समीर वानखेडे ने आगे कहा कि मैं सच्ची भारतीय परंपरा में एक समग्र, बहुधार्मिक और धर्मनिरपेक्ष परिवार से ताल्लुक रखता हूं और मुझे अपनी विरासत पर गर्व है। इसके अलावा, मैंने 2006 में विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत एक नागरिक विवाह समारोह में डॉ शबाना कुरैशी से शादी की। हम दोनों ने वर्ष 2016 में विशेष विवाह अधिनियम के तहत सिविल कोर्ट के माध्यम से पारस्परिक रूप से तलाक ले लिया। बाद में वर्ष 2017 में, मैंने क्रांति दीनानाथ रेडकर से शादी की। 

समीर वानखेडे ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा था कि ट्विटर पर मेरे निजी दस्तावेज़ों का प्रकाशन मानहानिकारक प्रकृति का है और मेरी पारिवारिक गोपनीयता पर अनावश्यक आक्रमण है। इसका मकसद मुझे, मेरे परिवार, मेरे पिता और मेरी दिवंगत मां को बदनाम करना है। पिछले कुछ दिनों में माननीय मंत्री जी के कृत्यों की श्रृंखला ने मुझे और मेरे परिवार को अत्यधिक मानसिक और भावनात्मक दबाव में डाल दिया है। माननीय मंत्री द्वारा बिना किसी औचित्य के व्यक्तिगत, मानहानिकारक और निंदनीय हमलों की प्रकृति से मैं आहत हूं।

अब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग समीर वानखेडे से मुलाकात और कागजात देखने के बाद आगे क्या कार्रवाई करता है, इस बात का सबको इंतजार है। मगर किसी सरकारी कर्मचारी की जाति और धर्म पर इतना सार्वजनिक चर्चा होना और मीडिया ट्रायल किया जाना आश्चयचकित करता है। मीडिया और राजनीतिक नेताओं का आचरण पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग कुछ सख्त कदम उठा सकती है।


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