नई दिल्ली, 14 जुलाई 2021 विगत दिनों देश के की अखबारों और न्यूज चैनलों में यह खबर बढ़-चढ़ के दिखाई गई की देश वैक्सीनेशन सेंटर वैक्सीन की कमी के कारण खाली पड़े हुए हैं। इस बारे में देश के कई राज्यों के नेताओं ने भी वैक्सीन की कमी होने की बात कही। इन सब बयानों और घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए देश के नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने वैक्सीन से संबंधित सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश की। ज्ञात हो कि मनसुख मंडाविया ने हाल ही में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का पदभार संभाला है।
सबसे पहले उन्होंने वैक्सीन की कमी का प्रचार करने वाले नेताओं को आड़े हाथों लिया और कहा, “वैक्सीन की उपलब्धता के संदर्भ में मुझे विभिन्न राज्य सरकारों और नेताओं के बयान एवं पत्रों से जानकारी मिली है। तथ्यों के वास्तविक विश्लेषण से इस स्थिति को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है। निरर्थक बयान सिर्फ लोगों में घबराहट पैदा करने के लिए किए जा रहे हैं।”
देश में वैक्सीन की मात्रा के बारे में उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी अस्पतालों के जरिए टीकाकरण हो सके, इसलिए जून महीने में 11.46 करोड़ वैक्सीन की डोज राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को उपलब्ध कराए गए और जुलाई के महीने में इस उपलब्धता को बढ़ाकर 13.50 करोड़ किया गया है।
राज्य सरकारों द्वारा मीडिया में वैक्सीन की कमी की शिकायत पर मनसुख मंडाविया ने कहा, “जुलाई में राज्यों में वैक्सीन के कितने डोज उपलब्ध कराई जाएगी, इसकी जानकारी केंद्र सरकार ने राज्यों को 19 जून, 2021 को ही दे दी थी। इसके बाद 27 जून व 13 जुलाई को केंद्र की ओर से राज्यों को जुलाई के पहले व दूसरे पखवाड़े के लिए उन्हें हर दिन की वैक्सीन उपलब्धता की जानकारी बैच के हिसाब से एडवांस में ही दी गई थी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा, “इसलिए राज्यों को यह अच्छी तरह से पता है कि उन्हें कब और कितनी मात्रा में वैक्सीन डोज मिलेंगे। केंद्र सरकार ने ऐसा इसलिए किया है ताकि राज्य सरकारें जिला स्तर तक वैक्सीनेशन का काम सही योजना बनाकर कर सकें और लोगों को कोई परेशानी नहीं हो। अगर केंद्र पहले से ही अपनी तरफ से ये जानकारियां एडवांस में दे रही है और इसके बावजूद भी हमें कुप्रबंधन और वैक्सीन लेने वालों की लंबी कतारें दिख रही हैं तो यह बिल्कुल स्पष्ट है कि समस्या क्या है और इसकी वजह कौन है।”
मनसुख मंडाविया ने अंत में नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मीडिया में भ्रम व चिंता पैदा करने वाले बयान देने वाले नेताओ को इस बात पर आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है क्या उन्होने शासन प्रक्रिया व इससे सबंधित जानकारियों से इतनी दूरी बना ली है कि वैक्सीन आपूर्ति के संदर्भ में पहले से ही दी जा रही जानकारियों का उन्हें कोई अता-पता नहीं है।