लखनऊ, 3 फरवरी (न्यूज़ हेल्पलाइन) देश के सबसे ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों वाले राज्य उत्तर प्रदेश में चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस बार के चुनाव में सत्ताधारी दल भाजपा की सीधी टक्कर अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी से दिखाई दे रही है। चुनाव प्रचार के सिलसिला तो चुनावों की तारीख घोषित होने से पूर्व ही शुरू बो चुका है। ऐसे में कोई भी दल कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती है। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी ने आज गुरुवार 3 फरवरी को भारत के चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह "आदर्श आचार संहिता के अनुसार भाषा" का उपयोग करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को निर्देश जारी करे।
चुनाव आयोग को लिखे शिकायती पत्र में सपा ने कहा है कि आपके संज्ञान में हम यह तथ्य लाना चाहते है कि राज्य विधान सभा सामान्य निर्वाचन 2022 के चुनाव प्रचार में सत्तापक्ष भाजपा के मुख्यमंत्री जी विपक्ष के प्रति जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं वह मर्यादित, संयत और भद्र भाषा की श्रेणी में नहीं आता है। लोकतंत्र में इस तरह की भाषा का कोई औचित्य नहीं है।
संदर्भ बताते हुए सपा ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अभी आगरा में 10 मार्च के बाद बुल्डोजर चलेगा की धमकी दी। इसके अतिरिक्त वे लगातार समाजवादी पार्टी के नेतृत्व को गुंडा, मवाली, माफिया बता रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने 01 फरवरी 2022 को।मेरठ में सिवालखास और किठौर की सभाओं में कहा 'लाल टोपी मतलब दंगाई, हिस्ट्रीशीटर'।
पत्र में आगे शिकायत की गई है कि मुख्यमंत्री जी ने कैराना, मुजफ्फरनगर में कहा जो गर्मी दिखाई दे रही है, ये सब शांत हो जायेगी" "गर्मी कैसे शान्त होगी मैं जानता हूं' जैसी अलोकतांत्रिक भाषा का प्रयोग किया गया है।
सपा ने शिकायत की है कि मुख्यमंत्री लगातार धमकाने वाली भाषा बोल रहे है। आप इस बात से सहमत होगे कि चुनाव प्रचार की गहमागहमी में भी अपने विपक्षी के प्रति अशालीन भाषा को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है। खासकर मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति से तो मर्यादाविहीन भाषा-व्यवहार की कतई उम्मीद नहीं की जाती है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और सत्तापक्ष द्वारा आदर्श आचार संहिता का लगातार उल्लंघन चुनाव की निष्पक्षता एवं स्वतंत्रता दोनों पर गहरा आघात करता है।
पत्र के अंत में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी मांग करती है उत्तर प्रदेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं निर्भीक चुनाव सम्पन्न कराने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के मुख्यमंत्री जी को पद की गरिमा के अनुरूप संयमित, मर्यादित और आदर्श आचार संहिता के अनुकूल भाषा के इस्तेमाल के सम्बन्ध में प्रभावी निर्देश तत्काल जारी किया जाए।