नई दिल्ली, 13 नवंबर (न्यूज हेल्पलाइन) दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ-साथ दिल्ली सरकार को भी फटकार लगाई है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के लिए आगामी 15 नवंबर की तारीख तय की।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर केंद्र सरकार को दो टूक जवाब देते हुए वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में कोर्ट को सूचित करने को कहा है। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में वायु प्रदूषण में सुधार के लिए केंद्र सरकार से कहा है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में है और अगले 2 से 3 दिनों में यह और कम हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी कहा है कि दिल्ली में वायु की गुणवत्ता में सुधार के हम बाद में दीर्घकालिक समाधान देखेंगे, फिलहाल आप आपातकालीन निर्णय लें।
दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थित पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों को फटकार लगाते हुए कहा कि अब किसानों को कोसना एक फैशन बन गया है चाहे वह दिल्ली सरकार हो या कोई और। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि पटाखों पर बैन था, उसका क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थित पर दायर याचिका पर सुनवाई में दिल्ली सरकार से कहा कि आपने राष्ट्रीय राजधानी में सभी स्कूल खोल दिए हैं और अब बच्चे प्रदूषण के संपर्क में हैं। यह केंद्र का नहीं बल्कि आपका अधिकार क्षेत्र है। उस मोर्चे पर क्या हो रहा है? इसका जवाब दें।
दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थित पर दायर याचिका पर आज की सुनवाई में दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए हमेशा जिम्मेदार ठहराए जाने वाले पराली के बारे में बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पराली समस्या का हिस्सा हो सकती है लेकिन एकमात्र कारण नहीं है। ज्ञात हो कि सरकारों की सलाह और सख्ती के कारण दिल्ली और आसपास के राज्यों के किसानों ने विगत वर्षों की तुलना में इस वर्ष कम संख्या में पराली जलाई है, मगर फिर भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगभग जस का तस है।
ज्ञात हो कि विगत लगभग 15 दिनों से दिल्ली में वायु प्रदूषण इतना ज्यादा बढ़ गया है कि लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है। इसके साथ ही वायु प्रदूषण से जनित धुंध ने विगत दिनों तो ऐसी स्थिति उत्पन्न कर दी थी कि लोगों को सौ मीटर से आगे की चीजों को देखने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।