ताजा खबर
आज का इतिहास: 16 अप्रैल को हुआ था चार्ली चैपलिन का जन्म, जानें अन्य बातें   ||    एक मंदिर जो दिन में दो बार हो जाता है गायब, मान्यता- दर्शन मात्र से मिलता मोक्ष   ||    फैक्ट चेक: कानपुर में हुई युवक की पिटाई का वीडियो 'ब्राह्मण पर पुलिसिया अत्याचार' के गलत दावे के साथ...   ||    वानखेड़े स्टेडियम में प्रदर्शन के बाद धोनी ने युवा प्रशंसक को मैच बॉल गिफ्ट की   ||    फैक्ट चेक: मंदिर से पानी पीने के लिए नहीं, फोन चोरी के शक में की गई थी इस दलित बच्ची की पिटाई   ||    Navratri 2024: नवरात्रि के 7वें दिन करें सात उपाय, नौकरी और कारोबार में मिलेगी सफलता   ||    यूपीएससी रियलिटी चेक: उत्पादकता, घंटे नहीं, सबसे ज्यादा मायने रखती है; आईएएस अधिकारी का कहना है   ||    Breaking News: Salman Khan के घर के बाहर हुई फायरिंग, बाइक सवार 2 हमलावरों ने चलाई गोली, जांच में जु...   ||    चुनाव प्रचार के दौरान राहुल ने लिया ब्रेक, अचानक मिठाई की दुकान पर पहुंचे, गुलाब जामुन का उठाया लुत्...   ||    13 अप्रैल: देश-दुनिया के इतिहास में आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ   ||   

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हिजाब मुस्लिम महिलाओं के गरिमा का प्रतीक !

Photo Source :

Posted On:Tuesday, September 20, 2022

सुप्रीम कोर्ट कर्नाटक में स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध पर सुनवाई कर रहा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में आठवें दौर की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं. दरअसल, मुस्लिम छात्रों के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने शीर्ष अदालत के समक्ष तर्क दिया, "हिजाब गरिमा का प्रतीक है। एक मुस्लिम महिला एक हिंदू महिला के रूप में प्रतिष्ठित दिखती है, जब वह साड़ी के साथ अपना सिर ढकती है तो वह सम्मानित दिखती है।"

कोर्ट में अभी सुनवाई चल रही है। यहां दुष्यंत दवे की दलील पर जजों ने कहा, 'वर्दी अलग है। इससे सभी एक जैसे दिखते हैं। छात्र चाहे अमीर हो या गरीब, सभी को एक जैसे कपड़े में देखा जाता है और वर्दी पहने हुए दिखता है।' वहीं, यहां सुनवाई के दौरान सबरीमाला पर दिए गए फैसले का भी जिक्र आया. यहां दुष्यंत दवे ने कहा, 'सबरीमाला फैसले और हिजाब मामले में अंतर है। हर कोई सर्वशक्तिमान को अलग-अलग तरीकों से देखता है। सबरीमाला जाने वाले काले कपड़े पहनते हैं, यही परंपरा है। प्रत्येक व्यक्ति को यथासंभव व्यक्तिगत और व्यक्तिवादी तरीके से धार्मिक स्वतंत्रता का आनंद लेने का अधिकार है।'

प्रतिवादी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कर्नाटक सरकार के आदेश को प्रस्तुत किया, जिसमें सभी छात्राओं को वर्दी में स्कूल पहुंचने की सिफारिश की गई थी।


बनारस और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. banarasvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.