नई दिल्ली, 19 जुलाई 2021 ईद-उल-अजहा उर्फ बकरी ईद से ठीक पहले कोविड19 प्रतिबंधों में ढील देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार से पूछा है कि जब राज्य में कोविड19 मामलों और परीक्षण में सकारात्मकता दर में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, तो कोविड प्रतिबंधों में छूट देने के पीछे क्या उद्देश्य है? इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कल 20 जुलाई को सुनवाई करेगा।
ज्ञात हो कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार 17 जुलाई को राज्य सरकार के तरफ से एक अधीघोषणा जारी करते हुए कोविड19 से संबंधित प्रतिबंधों में कुछ ढील देने की घोषणा की थी। इस छूट के तहत बकरी ईद को देखते हुए 18, 19 और 20 जुलाई को सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक ए, बी, और सी श्रेणी के क्षेत्रों में खोलने की अनुमति दी गई है। श्रेणी डी वाले दुकानों को सिर्फ 19 जुलाई को खोलने की अनुमति दी गई है।
बता दें कि 5% से कम कोविड संक्रमण वाले इलाके ए श्रेणी, 5%-10% संक्रमण वाले इलाके बी श्रेणी, 10%-15% संक्रमण वाले इलाके सी श्रेणी और 15% से ऊपर संक्रमण वाले इलाके को डी श्रेणी में रखा गया है।
ज्ञात हो कि केरल सरकार के इस फैसले के विरुद्ध पीकेडी नांबियार नामक एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। पीकेडी नांबियार के जनहित याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी कांवड़ यात्रा पर कड़ा रुख अपनाया है। इसके चलते कांवड़ यात्रा को अब रद्द कर दिया गया है। लेकिन केरल में कोविड मामलों की संख्या अधिक है। लिहाजा तीन दिन की छूट देने के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए।
इस जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को नोटिस जारी कर इस बारे में जवाब मांगा है, जिस पर कल 20 जुलाई को सुनवाई होगी।