सूरत, 5 अक्टूबर ( न्यूज हेल्पलाइन )
सूरत स्टेशन पर के चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी की मदद से आरपीएफ की नजर होगी क्योंकि यहां पहला इंटीग्रेटेड स्कियोरिटी सिस्टम कंट्रोल रूम तैयार कर लिया गया है। जिसमे 85 सीसीटीवी की मदद से अब सभी यात्रियों पर बारीकी से नजर रखा जाना शुरू हो गया है। यही नहीं इसमें फेशियल रिकग्निशन कैमरा भी लगाया है। इसके अलावा पहले जो पुराने सीसीटीवी कैमरे लगे थे अब उन्ही की जगह ये नए हाई टेक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इससे पहले सूरत स्टेशन पर आरपीएफ का इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी कंट्रोल रूम नहीं था लेकिन अब इस कंट्रोल रूम की शुरुआत हो गई है जहां दिन भर दो आरपीएफ कर्मी स्टेशन पर होने वाली हरकतों पर नजर रखेंगे।
सूरत स्टेशन पर 85 में से चार कैमरे फेशियल रिकॉग्नाइज टेक्नोलॉजी बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी का ही हिस्सा है जो स्टेशन के सबवे और मुख्य सर्कुलेटिंग एरिया में लगा है। यहाँ किसी व्यक्ति को उसके चेहरे से उसकी पहचान करने का एक इस कैमरे में एक टूल है। इसे बायोमेट्रिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस एप्लीकेशन के रूप में भी जाना जाता है जिसका यूज़ किसी व्यक्ति को उसके आँख के रेटिना ,नाक ,चेहरे के आकार के आधार पर पहचाना जाता है। किसी फोटो, वीडियो या रियल टाइम में लोगों की पहचान करने के लिए फेस रिकॉग्नाइज सिस्टम का उपयोग किया जाता है।ऐसे में अब इस कैमरे के सूरत स्टेशन पर इंस्टाल होने के बाद कोई मामला चोरी या अन्य अपराध का मामला दर्ज होगा तो आरोपी का पूरा हुलिया फेशियल रिकग्निशन सिस्टम पर अपडेट कर दिया जाएगा और दोबारा अगर यह आरोपी सूरत स्टेशन या ऐसे किसी स्टेशन जहां यह सिस्टम लैस होगा उसकी तुरंत पहचान हो जाएगी और किसी भी अपराध को अंजाम देने से पहले गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इससे पहले सूरत स्टेशन पर जो 85 कैमरे लगे थे उनमे से इन कैमरों के रेंज पार्सल कार्यालय तक नहीं पहुंच पाते थे जिससे स्टेशन पर होने वाली चोरी या अन्य ऐसी आपराधिक गतिविधि में आरोपी को पकड़ने में मदद नहीं मिलती थी। स्टेशन पर आए दिन होने वाली चोरी मामले आरोपी जब जमानत पर बाहर निकलता था तो वो फिर से स्टेशन पर ही आकर इन्ही कार्यो में लिप्त हो जाता था लेकिन अब फेशियल डिटेक्शन कैमरा इंस्टाल होने से ऐसे आरोपी को सिस्टम में फौरन ट्रेस कर लिया जाएगा और रिकग्निशन सिस्टम रेड मार्किंग से आरोपी की फौरन पहचान कर लेगी।