महाराष्ट्र,22 जून 2021
CBI एक बार फिर महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंच गई है. जांच एजेंसी ने शिकायत करते हुए कहा कि पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच में महाराष्ट्र सरकार उनका सहयोग नहीं कर रही हैमहाराष्ट्र .में 100 करोड़ की अवैध वसूली का मामला अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है. मामला फिलहाल कोर्ट में है. सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है.
महाराष्ट्र सरकार के वकील रफीक दादा ने कोर्ट में कहा था कि CBI अवैध फोन टैपिंग और पुलिस नियुक्ति से जुड़े पेपर्स को कथित तौर पर लीक करने के मामले में चल रही जांच में हस्तक्षेप की कोशिश कर रही है. सरकार का आरोप है कि जांच एजेंसी अनिल देशमुख की जांच के जरिए दूसरे मामलों में हस्तक्षेप की कोशिश कर रही है. वहीं तुषार मेहता ने इन सभी आरोपों को गलत बताया.
बतादें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने निर्देश पर ही CBI इस मामले की जांच कर रही है. बॉम्बे हाईकोर्ट में सीबीआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार महता पेश हुए. उन्होंने कोर्ट से कहा कि पूरे महाराष्ट्र् से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए अनिल देशमुख के खिलाफ जांच शुरू की गई थी. लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने CBI जांच में सहयोग करने से ही इनकार कर दिया.
इसके साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र सरों को भी बेबुनियाद बताया है. दरअसल सरकार ने कहा था कि जांच एजेंसी कोर्ट के आदेश के बाहर जाकर मामलों को जांच में शामिल कर रही है. सरकार का आरोप था कि जांच एजेंसी सचिन वाजे और मुंबई के पुलिस ऑफिसर्स के ट्रांसफर और तैनाती में अनिल देशमुख के अनुचित हस्तक्षेप के मुद्दे को जांच में शामिल कर रही है. हालांकि CBI ने इन आरोपों से इनकार कर दिया है.
बतादें कि मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर अवैध रूप से वसूली के ऑर्डर देने का आरोप लगाया था. इसके बाद से ही महाराष्ट्र की राजनीति काफी गर्म हो गई थी. उन्होंने देशमुख पर सचिन वाजे को 100 करोड़ की वसूली का टारगेट देने का आरोप लगाया था. इस मामले में बॉम्बे हईकोर्ट ने सीबीआई जांच के ऑर्डर दिए थे. अब सीबीआई का कहना है कि सरकार जांच में सहयोग ही नहीं कर रही है.