जयपुर, 14 2021 हमारे प्राचीन ग्रंथों में ऐसी बहुत सी बातें हैं जो आधुनिक युग के लिए अभी भी प्रेरणादायक है। ऐसे बहुत से प्रमाण है जिससे पता चलता है कि हमारे ग्रंथों से सीख कर बहुत से नवीन विज्ञान के आविष्कार हुए हैं। इन्ही बातों से प्रेरित होकर राजस्थान की गहलोत सरकार ने अगले 4-5 महीनों में एक वैदिक शिक्षा और संस्कार बोर्ड की स्थापना करनी की घोषणा की है।
वैदिक शिक्षा और संस्कार बोर्ड के गठन के बारे में आज बोलते हुए राजस्थान के तकनीकी और संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुभाष गर्ग ने कहा, “राजस्थान सरकार अगले 4-5 महीने के भीतर वैदिक शिक्षा और संस्कार बोर्ड का गठन करने जा रही है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। हम छात्रों को सिखाएंगे कि वैदिक शिक्षा को विज्ञान और योग से कैसे जोड़ा जाता है।”
ज्ञात हो कि राजस्थान सरकार ने एक साल पहले वैदिक शिक्षा और संस्कार बोर्ड बनाने के लिए ड्राफ्ट तैयार करने हेतु विशेषज्ञों की एक राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया था, जिसमें संयोजक की जिम्मेदारी डॉ. अनुला मौर्य को दी गई थी। इस समिति में डॉ. सुषमा सिंघवी, डॉ. राजकुमार जोशी और फिरोज अख्तर को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया था।
वैदिक शिक्षा और संस्कार बोर्ड की स्थापना के ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कमेटी को छह महीने का समय दिया गया था, मगर कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण इसमें देरी हो गई। चूंकि समिति ने अब अपनी ड्राफ्ट सरकार को सौंप दी है, इसलिए राजस्थान सरकार में मंत्री सुभाष गर्ग ने वैदिक शिक्षा और संस्कार बोर्ड के गठन के लिए 4 से 5 महीनों की समयसीमा निर्धारित की है।