मुंबई, 21 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कश्मीर में सेना के ट्रक पर आतंकी हमले के मामले में नई जानकारी सामने आ रही है। जवानों पर आतंकी हमले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और 8 सदस्यीय फोरेंसिक टीम पुंछ रवाना हो गई है। टीम घटनास्थल भीमबेर गली इलाके में पहुंची। बम डिस्पोजल स्क्वॉड और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) टीम ने पूरे इलाके की जांच की। वहीं, डिफेंस सूत्रों के मुताबिक, इस हमले में घायल एक जवान ने बताया कि रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड अटैक में कम से कम 7 आतंकी शामिल हो सकते हैं। भीमबेर गली पुंछ से 90 किलोमीटर और लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) से 7 किमी दूर है। यहां बेहद घना जंगल है। इस इलाके में 6 से 7 पाकिस्तानी आतंकियों की मौजूदगी के इंटेलिजेंस इनपुट हैं। पूरे इलाके में सुरक्षा बलों ने ड्रोन स्निफर डॉग से सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि ये आतंकी दो ग्रुप में बंटे हैं।
आपको बता दें, हमला बीते दिन राजौरी सेक्टर में तब हुआ, जब सेना के तीन वाहन जवानों को लेकर राजौरी पुंछ नेशनल हाईवे पर भीमबेर गली से पुंछ की तरफ जा रहे थे। तेज बारिश और कम विजिबिलिटी का फायदा उठाकर आतंकियों ने घात लगाकर एक वाहन को घेरा। इसके बाद ग्रेनेड फेंके और करीब 50 राउंड फायर किए। इससे वाहन में आग लग गई। इस हमले में राष्ट्रीय रायफल्स यूनिट के 5 जवान शहीद हो गए। एक जवान जख्मी हुआ था। शहीदों की पहचान लांस नायक देबाशीष बसवाल, लांस नायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकिशन सिंह, सिपाही सेवक सिंह और हवलदार मनदीप सिंह के रूप में हुई है। इनमें से लांस नायक देबाशीष बसवाल ओडिशा के रहने वाले हैं, अन्य चार शहीद पंजाब के निवासी हैं। शुरुवात में सेना ने इसे हादसा बताया था, लेकिन बाद में पुष्टि की गई कि यह आतंकी हमला है। हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली है। यह संगठन अंसार गजवत उल हिंद के मारे गए कमांडर जाकिर मूसा से प्रेरित है, जो आतंकी संगठन अल-कायदा का वफादार माना जाता है।