न्यूज हेल्पलाइन 29 मार्च नई दिल्ली, देश में एम्स के 19 प्रोफेसरों में से 50 फीसदी से ज्यादा खाली हैं। गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए भी बड़ी रिक्तियां हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. भारती पवार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उनके मुताबिक 19 एम्स में प्रोफेसरों के 4,209 स्वीकृत पद हैं। इनमें से 2,041 पद खाली हैं। पटना के एम्स में 305 में से 169 प्रोफेसर पद खाली हैं। नागपुर एम्स में प्रोफेसर के 183 में से 78 और नॉन टीचिंग स्टाफ के 1,054 पदों में से 771 पद खाली हैं। सबसे बुरा हाल गुवाहाटी एम्स का है। प्राध्यापकों के 183 पदों में से 162 पद रिक्त हैं। राजकोट (गुजरात) में 183 पदों में से 140 पद खाली हैं। रायबरेली के एम्स में 183 में से 120 रिक्तियां हैं। गुवाहाटी एम्स में गैर-शिक्षण कर्मचारियों के 1,018 पदों में से 1,011 रिक्त हैं।
भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और हृषिकेश में कुल 1,830 स्वीकृत प्रोफेसर पदों में से 684 पद रिक्त हैं। सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के 2,794 स्वीकृत पदों में से 1,190 पद खाली हैं. स्वीकृत 23,256 गैर-शिक्षण कर्मचारियों के पदों में से 10,200 रिक्त हैं। इन 6 एम्स की स्थापना 2012 में हुई थी। अन्य 13 एम्स स्टाफ की कमी के कारण आंशिक रूप से चालू हैं। हाल ही में तीन एम्स को अनुमति दी गई है।