कोलकाता, 2 मार्च (न्यूज़ हेल्पलाइन) पश्चिम बंगाल निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भारी जीत की ओर कदम बढ़ाया है। पार्टी ने 107 में से 13 नगर पालिकाओं में जीत हासिल की और 40 अन्य निकायों में आगे चल रही थी।
राज्य में सत्तारूढ़ दल ने विपक्ष के नेता और नंदीग्राम के भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी के गढ़ कांथी नगर पालिका को जीत लिया जबकि पहाड़ी राजनीति में एक नए प्रवेश करने वाली हमरो पार्टी ने दार्जिलिंग नगर पालिका में टीएमसी, जीजेएम और भाजपा को हरा दिया। वहीं भाजपा, वाम मोर्चा और कांग्रेस ने ख़बर लिखे जाने तक एक भी नगर निकाय नहीं जीता है, हालांकि पार्टियों ने कुछ शहरों में कुछ वार्डों में जीत हासिल की है।
राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) के एक अधिकारी के मुताबिक़ टीएमसी पहले ही 13 नगर पालिकाओं में जीत हासिल कर चुकी है और 40 अन्य में आगे चल रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी ने बीरभूम जिले में सभी निकाय और कूचबिहार में पांच, दक्षिण 24 परगना में दो और पुरबा मेदिनीपुर में एक जीत हासिल की है।
दूसरी ओर भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी और उनके परिवार को बड़े झटके का सामना करना पड़ा क्योंकि टीएमसी ने पिछले चार दशकों से अधिकारी परिवार का गढ़ माने जाने वाली कांथी नगर पालिका को छीन लिया है। सुवेंदु के पिता शिशिर अधिकारी 1981-86 के पांच साल को छोड़कर 1971-2009 तक 25 साल तक नगर पालिका के अध्यक्ष रहे। सांसद बनने के बाद उन्होंने अपने छोटे बेटे दिब्येंदु अधिकारी को कमान सौंपी। 2016 में उपचुनाव में दिब्येंदु अधिकारी के सांसद बनने के बाद, उनके छोटे भाई सौमेंदु ने पद संभाला।
हमरो पार्टी यानी हमारी पार्टी व जीएनएलएफ के एक पूर्व नेता और दार्जिलिंग के एक लोकप्रिय रेस्तरां अजॉय एडवर्ड्स द्वारा बनाई गई एक नई पार्टी ने पारंपरिक शक्तियों गोरखा जनमुक्ति मोर्चा, भाजपा और टीएमसी को हराकर पहाड़ी शहर में नगरपालिका हासिल की। 108 नगर पालिकाओं में चुनाव निर्धारित थे, लेकिन कुछ दिन पहले कूचबिहार जिले में दिनहाटा नगर पालिका में टीएमसी ने निर्विरोध जीत हासिल की।
बता दें, पिछले साल विधानसभा चुनावों के बाद से राज्य में सबसे व्यापक चुनावी अभ्यासों में से एक में उत्तर से दक्षिण तक पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में व्यापक हिंसा, धांधली और पुलिस के साथ झड़पें हुईं। भाजपा ने चुनाव प्रक्रिया को लोकतंत्र का मजाक करार दिया और हिंसा के विरोध में सोमवार को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया। टीएमसी ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि विपक्षी दल हार को भांपते हुए बहाने तलाश रहे हैं।