हैदराबाद, 11 सितंबर (न्यूज हेल्पलाइन) केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज 11 सितंबर को तेलंगाना के मंत्री के टी रामाराव के साथ एक अनूठी 'मेडिसिन फ्रॉम द स्काई' परियोजना शुरू की। 'मेडिसिन फ्रॉम द स्काई' परियोजना ड्रोन का उपयोग करके दूरस्थ क्षेत्रों में टीकों और आवश्यक वस्तुओं को परिवहन के उद्देश्य से अपनी तरह की पहली परियोजना होगी। ज्ञात हो कि हाल ही में केंद्र सरकार ने नई ड्रोन नीति 2021 की घोषणा की है। इसके बाद से ही ड्रोन के उपयोग को लेकर सरकारों में उत्सुकता है।
मेडिसिन फ्रॉम द स्काई परियोजना की घोषणा के मौके पर बोलते हुए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हवाई अड्डे, नीति और सुधारों से संबंधित 16 मुद्दों वाली 100-दिवसीय योजना तैयार की गई है। एयर टैक्सी और स्काई टैक्सी देश का भविष्य हैं। उम्मीद है कि भारत 2030 तक ड्रोन राजधानी बन जाएगा।
ज्ञात हो कि विगत 26 अगस्त को केंद्र सरकार ने ड्रोन नीति में व्यापक संसोधन करते हुए नई ड्रोन नीति 2021 की घोषणा की थी। नई ड्रोन नीति 2021 में सरकार ड्रोन से संबंधित कई नियमों में व्यापक परिवर्तन किये थे। इन परिवर्तनों में सबसे पहले ड्रोन से परिवहन करने की सीमा को 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया। साथ ही ड्रोन के लाइसेंस को भी आसान बनाते हुए रजिस्ट्रेशन को अनलाइन कर दिया गया। नई ड्रोन नीति 2021 में ड्रोन के लिए लाइसेंस और पंजीकरण के लिए सुरक्षा मंजूरी से मुक्त कर दिया गया है।
ज्ञात हो कि नई ड्रोन नीति 2021 की घोषणा करते हुए केंद्र सरकार ने कहा था कि अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों जैसे - कृषि, खनन, आधारभूत संरचना, निगरानी, आपातकालीन परिस्थितियों, परिवहन, मानचित्रण, रक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसी को ड्रोन से जबरदस्त लाभ मिल रहा है और आने वाले दिनों में इसका इस्तेमाल और बढ़ना है। नए नियमों से स्टार्ट-अप्स के साथ-साथ इस सेक्टर में काम करने वाले हमारे युवाओं को भी काफी मदद मिलेगी।