नई दिल्ली, 7 फरवरी (न्यूज़ हेल्पलाइन) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बच्चों के टीकाकरण से जुड़े कार्यक्रम मिशन इंद्रधनुष के चौथे चरण सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 का आज नई दिल्ली से शुभारंभ किया। ज्ञात हो कि भारत सरकार ने 25 दिसंबर 2014 में "मिशन इंद्रधनुष" शुरू किया था।
सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 की शुरुआत के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि टीकाकरण कवरेज 90% हो। राज्यों और केंद्र को सामूहिक प्रयास करने होंगे। कुल 170 करोड़ COVID19 की खुराक पहले ही दी जा चुकी है।
सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम (यूआईपी) कार्यक्रम को मजबूत और पुन: सक्रिय करने के लिए और तीव्र गति से सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए पूर्ण टीकाकरण कवरेज प्राप्त करने के लिए, भारत सरकार ने दिसंबर 2014 में "मिशन इंद्रधनुष" शुरू किया था। मिशन इंद्रधनुष का अंतिम लक्ष्य दो साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए सभी उपलब्ध टीकों के साथ पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करना है। सरकार ने देश के 28 राज्यों में 201 उच्च फोकस वाले जिलों की पहचान की है, जहां आंशिक रूप से प्रतिरक्षित और अप्रतिरक्षित बच्चों की संख्या सबसे अधिक है।
पहले पूर्ण टीकाकरण कवरेज में वृद्धि 1% प्रति वर्ष थी जो कि मिशन इंद्रधनुष के पहले दो चरणों के माध्यम से बढ़कर 6.7% प्रति वर्ष हो गई है। अगस्त 2017 तक मिशन इंद्रधनुष के चार चरणों का संचालन किया गया है और 2.53 करोड़ से अधिक बच्चों और 68 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया है।
मिशन इन्द्रधनुष (MI) को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MOHFW) द्वारा 25 दिसंबर 2014 को पूरे भारत में सभी बच्चों के लिए टीकाकरण कवरेज का विस्तार करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत भारत में सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक क्षेत्रों के बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। पूर्ण टीकाकरण कवरेज सुनिश्चित करते हुए, एक एकीकृत और प्रतिबद्ध कार्य-बल के समर्थन से पहल का विशाल कार्य पूरा किया जा रहा है। प्रत्येक एमआई सक्रियण योजना में यह प्लान किया जाता है कि योजना संबंधित शिविर कहां लगाए जाएंगे, किन बच्चों को टीका लगवाने की जरूरत है और शिविर के लिए कौन से टीकाकरण की आवश्यकता होगी।
मिशन इन्द्रधनुष का उद्देश्य उन सभी बच्चों को शामिल करना है जो या तो असंबद्ध हैं, या आंशिक रूप से टीके से बचाव योग्य बीमारियों के खिलाफ टीका लगाए गए हैं। भारत का सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) सालाना 26 मिलियन बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों के खिलाफ मुफ्त टीके प्रदान करता है।
सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम देश भर के सभी बच्चों को तपेदिक, डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, निमोनिया और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (एचआईबी), खसरा के कारण होने वाले मेनिनजाइटिस से बचाने के लिए मुफ्त में जीवन रक्षक टीके प्रदान करता है। इसके अलावे रूबेला, जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) और रोटावायरस डायरिया व चुनिंदा राज्यों और जिलों में रूबेला, जेई और रोटावायरस के विरुद्ध वैक्सीनेशन किया जाता है। अब संभव है कि इस योजना के अंतर्गत बच्चों का कोरोना के विरुद्ध टीकाकरण को भी शामिल किया जाए।