नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (न्यूज हेल्पलाइन) अमेरिकी न्याय विभाग ने कल वृहस्पतिवार 21 अक्टूबर को एक प्रेस रिलीज करके जानकारी दी है कि अमेरिकी न्याय विभाग के सिविल डिवीजन की उपभोक्ता संरक्षण शाखा और एफबीआई के उप सहायक अटॉर्नी जनरल अरुण जी राव ने विगत हफ्ते दिल्ली में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों के साथ मुलाकात की। इस दौरान एफबीआई के उप सहायक अटॉर्नी जनरल अरुण जी राव की सीबीआई अधिकारियों से विभिन्न मुद्दों पर बात हुई।
दिल्ली दौरे के दौरान एफबीआई के उप सहायक अटॉर्नी जनरल अरुण जी राव, जो कि मेरिकी न्याय विभाग के सिविल डिवीजन की उपभोक्ता संरक्षण शाखा से भी सम्बद्ध हैं, ने मुख्यतः ऑनलाइन फ्रॉड से संबंधित चर्चा किया। ज्ञात हो कि ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले भारतीय अपराधी न सिर्फ भारत में अपितु विदेशों में भी फ्रॉड के प्रयास करते रहते हैं। इस बारे में अमेरिका से अक्सर शिकायत आती है।
अमेरिकी न्याय विभाग ने अपने प्रेस रिलीज में दिल्ली में सीबीआई अधिकारियों से मुलाकात के बारे में बताया कि हमने दोनों देशों के जांच एजेंसियों से आपसी सहयोग पर चर्चा की और प्रस्ताव रखा कि कुछ ऐसे उपाय अपनाए जाए, जिससे इन अपराधों को रोका जा सके। दोनों देशों के कानून प्रवर्तन सहयोग को और मजबूत किया जा सके, इसके लिए भी प्रयास बढ़ाने पर विचार हुआ। दोनों पक्षों ने दोनों देशों के अधिकार क्षेत्र के नागरिकों की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दृष्टि से तेजी से सूचना के आदान-प्रदान और साक्ष्य साझा करने के माध्यम से उभरते प्रौद्योगिकी-आधारित अपराधों से निपटने में निरंतर सहयोग की आवश्यकता पर भी चर्चा की।
यूएस न्याय विभाग ने भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई से हुई वार्ता पर बात करते हुए बताया कि उन्होंने साइबर-सक्षम वित्तीय धोखाधड़ी और टेलीमार्केटिंग धोखाधड़ी की जांच और मुकदमा चलाने के प्रयासों पर अपराध का मुकाबला करने में सहयोग को मजबूत करने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धताओं को मजबूत करने की बात कही। टेलीमार्केटिंग धोखाधड़ी से लड़ने सहित उभरते अपराध प्रवृत्तियों का मुकाबला करने के साधनों पर विस्तार से चर्चा हुई। हालांकि अभी तक इस बारे में कोई समझौता नहीं हुआ है।