जयपुर, 8 जनवरी (न्यूज़ हेल्पलाइन) कोविड-19 की वर्तमान स्थिति एवं वैक्सीनेशन को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल शुक्रवार की देर अहम को अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक मीटिंग को संबोधित किया। इस वर्चुअल बैठक में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारी और राज्य सरकार के कई मंत्री सम्मिलित हुए। अशोक गहलोत ने अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड वैक्सीनेशन तथा कोविड की समीक्षा बैठक को संबोधित किया।
इसी बैठक में उन्होंने एक ऐसी बात कही जिसपर आगे चलकर विवाद हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों का मानना है कि एक निर्धारित समय के बाद वैक्सीन का असर कम होने लगता है तथा सभी आयु वर्ग में डायबिटीज, हाइपरटेंशन, बीपी, हार्ट से संबंधित सहरूग्णता (को-मोर्बिड) के रोगी पाए जाते हैं। ऐसे में केन्द्र सरकार हर वर्ग के लिए बूस्टर डोज अनुमत करे।
हालांकि मुख्यमंत्री ने जो बात कही वह पूरी तरह से निराधार नहीं है। मगर कुछ विशेषज्ञ इस दावे के विपरीत यह तर्क प्रस्तुत करते हैं कि अगर टीके एक समय के बाद कम प्रभावी हो जाते हैं तो बच्चों को जो टीके बचपन में दिए जाते हैं, उसका प्रभाव एक उम्र सीमा के बाद कम या खत्म हो जाना चाहिए। मगर ऐसा नहीं होता है। हालांकि दोनों तर्कों में पूरी असत्यता नहीं है, मगर इसपर एक राय भी नहीं है।
हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल की वर्चुअल बैतहक में ही आगे संबोधित करते हुए कहा कि यह साबित हो गया है कि कोविड से बचाव के लिए वैक्सीनेशन सबसे कारगर उपाय है। ऐसे में हर आयु वर्ग का वैक्सीनेशन होना बेहद जरूरी है। दुनिया के कई देशों में छोटे बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार भारत में भी छोटे बच्चों का वैक्सीनेशन जल्द प्रारंभ करे और बूस्टर डोज का दायरा बढ़ाए, क्योंकि हर आयु वर्ग में को-मोर्बिड रोगी पाए जाते हैं।
अपने राज्य की उपलब्धियों पर बात करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान वैक्सीनेशन के मामले में देश में मॉडल स्टेट है। प्रदेश में अब तक 18 वर्ष से अधिक के 92 प्रतिशत से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली तथा करीब 78 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। किशोर एवं किशोरियों का टीकाकरण भी पूरी मुस्तैदी से किया जा रहा है। मात्र 4 दिन में ही 15 से 18 वर्ष के 30 प्रतिशत से अधिक किशोर एवं किशोरियों को वैक्सीन लगा दी गई है। निर्देश दिए कि जो लोग जागरूकता के अभाव में अब तक वैक्सीनेशन से वंचित रह गए हैं, उनका वैक्सीनेशन कर शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करें।
उन्होंने अपनी बात जोड़ते हुए यह भी काज कि बच्चे देश का भविष्य हैं। देश में बच्चों की एक बड़ी आबादी है। उनका टीकाकरण आवश्यक रूप से होना चाहिए और उनके स्वास्थ्य की रक्षा हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।