नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (न्यूज़ हेल्पलाइन) भाजपा सांसद वरुण गांधी द्वारा लखीमपुर खीरी हिंसा पर एक वीडियो साझा करने और उसने जवाबदेही की मांग करने के कुछ घंटों बाद, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा ज़ारी की गई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की सूची से वरुण व सांसद मेनका गांधी के नाम गायब पाए गए।
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने लखीमपूर खीरी घटना की निंदा करते हुए कहा था की, "वीडियो बिल्कुल स्पष्ट है। प्रदर्शनकारियों को हत्या के माध्यम से चुप नहीं कराया जा सकता है। हर किसान के मन में अहंकार और क्रूरता का संदेश आने से पहले किसानों के निर्दोष खून के लिए जवाबदेही होनी चाहिए और न्याय दिया जाना चाहिए।”
उनके बयान के कुछ घंटों बाद जेपी नड्डा ने पार्टी की 80 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की तो उसमें से वरुण और उनकी मां के नाम उसमें शामिल नहीं थे।
बता दें, भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लाल कृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, पीयूष गोयल समेत 80 सदस्य शामिल हैं। इनके अलावा 50 विशेष आमंत्रित और 179 स्थायी आमंत्रित (पदेन) सदस्य भी शामिल हैं।
कुल मिलाकर 309 सदस्यों की कार्यकारिणी की घोषणा हुई है। इसमें पार्टी के केंद्रीय पदाधिकारी, सभी मोर्चों के अध्यक्ष, सभी राष्ट्रीय प्रवक्ता, सभी मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, विधायक दल के नेता, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व उप मुख्यमंत्री, सभी प्रदेशों के अध्यक्ष, सभी राज्यों के प्रभारी, सह प्रभारी, राज्यसभा और लोकसभा में मुख्य सचेतक, संसदीय कार्यालय सचिव शामिल हैं.
बीजेपी की नई टीम में प्रधानमंत्री मोदी समेत 80 सदस्य तो एक्जीक्यूटिव मेंबर्स में शामिल हैं। खास बात ये है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और मिथुन चक्रवर्ती को एक्जीक्यूटिव मेंबर्स बनाया गया है। वहीं, 13 सदस्यों को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है इनमें छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह, राजस्थान की पू्र्व सीएम वसुंधरा राजे, झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास भी शामिल हैं। वहीं, 7 सदस्यों को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है, जिनमें कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी शामिल है। वरुण गांधी ने पहले कहा था कि लखीमपुर खीरी हिंसा किसी व्यक्ति या समूह द्वारा किए गए अपराध का परिणाम है और इसे प्रशासनिक विफलता के रूप में नहीं देखा जा सकता है।