पाकिस्तान दिन-ब-दिन उन हिंदुओं के लिए नर्क बनता जा रहा है जो कि वहां पर रह रहे हैं । ताजा मामला सिंध प्रांत के हैदराबाद शहर का है। लड़की के माता-पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी का अपहरण कर लिया गया है। 15 दिनों के भीतर पाकिस्तान में यह चौथा ऐसा मामला है। बताया जा रहा है कि बच्ची का अपहरण उस समय किया गया जब वह घर लौट रही थी. इससे पहले पाकिस्तान में हिंदू समुदाय की तीन लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया था।
अगवा की गई बच्ची के माता-पिता के मुताबिक, उसका अपहरण हैदराबाद के फतेह चौक इलाके से उस वक्त किया गया, जब वह घर लौट रही थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई है, लेकिन अभी तक लड़की बरामद नहीं हुई है. अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की तीन महिलाओं के अपहरण और जबरन इस्लाम में परिवर्तित होने के कुछ दिनों बाद आता है। अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे अत्याचारों के बीच पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं में आक्रोश और भय का माहौल है. इससे पहले 24 सितंबर को नसरपुर इलाके से 14 साल की बच्ची का अपहरण कर लिया गया था. मीरपुरखास कस्बे में घर लौटते समय एक अन्य हिंदू लड़की का भी अपहरण कर लिया गया है. इससे पहले, पाकिस्तान के मीरपुरखास शहर में एक हिंदू व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी का अपहरण कर लिया गया है। कुछ समय बाद, उसे पता चला कि उसे जबरन इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया है और मुस्लिम युवक से उसकी शादी कर दी गई है।
इस मामले में पुलिस पर भेदभाव का भी आरोप लगाया गया है. एक हिंदू विवाहित महिला की मुस्लिम युवक से शादी पर पुलिस अधिकारियों ने बयान दिया था कि महिला ने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म अपना लिया और अहमद नाम के शख्स से शादी कर ली.
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार लगातार बढ़ते जा रहे हैं और दुनिया भर के मानवाधिकार संगठन हिंदुओं की पीड़ा पर खामोश हैं. इस साल जून में ही एक नाबालिग हिंदू लड़की ने अदालत के सामने बयान दिया था कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और एक मुस्लिम व्यक्ति से उसकी शादी कर दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। घटना के ठीक तीन महीने बाद, तीन अन्य हिंदू लड़कियों के साथ भी ऐसा ही हुआ।
पिछले साल अक्टूबर में, पाकिस्तान में एक संसदीय समिति ने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ एक विधेयक को खारिज कर दिया था। मंत्री नूरुल हक कादरी ने कहा था कि जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाने का माहौल ठीक नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंत्री ने यहां तक दावा किया था कि जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून देश में शांति भंग कर सकता है और अल्पसंख्यकों को और कमजोर बना सकता है। सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी की फैक्टबुक के मुताबिक, 2020 में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों की आबादी पाकिस्तान की कुल आबादी का महज 3.5 फीसदी रह गई है।