वाराणसी| अब तक शहर से दूर सुनसान इलाकों में जो टप्पेबाजी की घटनाएं सामने आती थी अब वह शहर के बीच दिनदहाड़े होती नजर आ रही हैं,जिनपर शिकंजा कसने में पुलिस अब तक असफल साबित हुई है। मंगलवार को इसी टप्पेबाज़ी की घटनाओं की रोकथाम के लिए पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश जिस वक्त बैठक ले रहे थे उसी समय चांदपुर चौराहे पर टप्पेबाजी की एक और घटना हो गई। टप्पे बाजो ने इस बार भी बोनट से मोबाइल गिरने की बात कहकर दंपत्ति को झांसा दिया और गाड़ी में रखा बैग उड़ा ले गए।
इसबार टप्पेबाजी का शिकार वाराणसी के सेवापुरी निवासी संजय सिंह व उनकी पत्नी सोनाली सिंह हुई। मंगलवार की दोपहर करीब 12:00 बजे वह कैंट से चांदपुर चौराहे के पास पहुंचे तो एक व्यक्ति ने आकर उनसे कहा कि उनकी कार की बोनट से मोबिल गिर रहा है यह सुनते ही पति पत्नी कार से बाहर निकल बोनट चेक करने लगे, इसी बीच मौका पाकर टप्पे बाजो ने कार में रखा हैंडबैग गायब कर दिया। दंपत्ति के अनुसार बैग में ज्वेलरी एटीएम कार्ड कुछ नगदी और जरूरी कागजात थें।
दर्जनों कैमरे खंगाले पर नहीं हुई पहचान:-
इस घटना की सूचना दंपति ने पुलिस को दी मंडुआडीह थाने की पुलिस दंपत्ति के साथ आसपास के सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू कर दी जब फुटेज खंगाल आ गया तो पाया गया कि चांदपुर चौराहे सिग्नल पर लगा कैमरा काम कर ही नहीं रहा था आगे दूसरे कैमरे की जांच की गई तो युवक बैग लेकर लोहता की ओर जाते हुए देखा इसके बाद पुलिस दोपहर से शाम तक दर्जनों सीसीटीवी फुटेज खंगाल ली लेकिन आरोपी की पहचान ना हो सके पुलिस जांच प्रक्रिया से बगैर किसी प्रकार की तहरीर दिए दंपत्ति पुनः कपसेठी को लौट गए।
बाहरी गिरोह हैं सक्रिय:-
पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने बताया कि टप्पेबाज़ी की घटनाओं को गंभीरता से लेकर टीम काम कर रही है। पूर्व की घटनाओं के समय स्थान और स्टाइल की बारीकी से समीक्षा कराई जा रही है, टप्पेबाज़ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के हो सकते हैं जिसका पुख्ता संकेत मिला है। यह ऐसा गिरोह है जो लोगों का ध्यान भटका कर शिकार बनाता है इसकी नजर सिर्फ कैश और जेवर पर होती है लैपटॉप और मोबाइल फेंक दिए जाते हैं। यह शहर के आउटर इलाकों में ठिकाना बदल कर रहते हैं इन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।