वाराणसी। मंगलवार की दोपहर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर जनता को चुना लगाने वाले दो व्यक्तियों को संयुक्त कुलसचिव (चयन एवं प्रकोष्ठ) नंदलाल को होल्कर भवन के प्रतिबंधित क्षेत्र से पकड़ा गया। संयुक्त कुलसचिव ने पकड़ने के बाद विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर को सौंप दिया। चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर बीसी कापड़ी ने जब पूछताछ की तो पहले दोनों पकड़े गए व्यक्तियों ने उलझाया मगर बाद में सच्चाई बताई। चीफ प्रॉक्टर ने लिखित सूचना के साथ लंका थाने को सूचना दे दी है।
क्या है पूरा मामला?
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अति संवेदनशील और आम व्यक्तियों के साथ ही साथ छात्रों के प्रवेश वर्जित वाले क्षेत्र में दो बाहरी व्यक्तियों को पकड़ा गया। चीफ प्रॉक्टर के अनुसार दोनों व्यक्ति के बारे में कई बारे शिकायतें मिली थी कि ये विश्वविद्यालय का कर्मचारी बनकर अभ्यर्थियों को होल्कर भवन में नहीं आने देते और उन्हें जॉब का प्रलोभन देकर पैसा ऐंठते थे और फ़र्जी नियुक्ति पत्र देते थे। फर्जी ज्वाइनिंग लेटर लेकर पहुंचे अभ्यर्थियों द्वारा दी गयी फोटो और नंबर के आधार पर आज इन दोनों व्यक्तियों को पकड़ा गया है।
चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर बीसी कापड़ी ने बताया कि पकड़े गए लोगों में से एक ने अपना नाम आकाश दुबे बताया है, जो की बाहर का है और इसका विश्वविद्यालय से कोई सम्बन्ध नहीं है। पहले इसने खुद को बाबतपुर का रहने वाला बताया पर बाद में पता चला कि ये जौनपुर जनपद के मड़ियाहूं के रहने वाले हैं। चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि जो बच्चे यहां नौकरी के लिए आते हैं, उनको ये दोनों ऊपर तक नहीं आने देते हैं। ना किसी से बात करने देते हैं। ये खुद को बीएचयू का इम्प्लाई बताकर उन्हें बीच में रोक लेते हैं। उनसे पैसों की बात करते हैं और पैसा लेकर उन्हें नौकरी देने का झांसा देते हैं। पैसा मिलने पर बच्चों को फ़र्ज़ी नियुक्ति पत्र भी थमा देते हैं।