वाराणसी। नकली सोना गिरवी रखकर बैंक से 85 लाख रुपया लोन लेने के मामले में बुधवार को जेल में बंद आरोपित अंकुर अग्रवाल की जमानत अर्जी जिला जज डा.अजय कृष्ण विश्वेश ने खारिज कर दी। जमानत का विरोध जिला शासकीय अधिवक्ता आलोक चंद्र शुक्ल ने किया। इससे पहले अदालत ने रविन्द्र प्रकाश सेठ की जमानत अर्जी निरस्त की थी।
धोखाधड़ी करने का आरोप
अभियोजन पक्ष का आरोप था कि स्वर्ण ऋण योजना के तहत सागर कुमार मौर्या समेत नौ आरोपितों ने अर्दली बाजार स्थित केनरा बैंक में लोन के लिए आवेदन किया। इन सबों के साथ साजिश करके आदमपुर थानांतर्गत प्रहलाद घाट के भारद्वाजी टोला निवासी मूल्यांकनकर्ता रविंद्र प्रकाश सेठ ने उन सबों द्वारा जमा किए गए नकली स्वर्ण को असली बताया और इसके समर्थन में स्वर्ण की प्रामाणिकता का प्रमाणपत्र भी दे दिया। बाद में बैंक ने आवेदन करने वाले इन सबों को लगभग 85 लाख लोन दे दिया। दो अगस्त 2021 को बैंक में विभिन्न स्वर्ण खातों में बंधक स्वर्ण की जांच दूसरे मूल्यांकनकर्ता द्वारा करायी गई तो नकली स्वर्ण को असली बताकर लोन पास करवाने का मामला उजागर हुआ। कोतवाली थानांतर्गत राजमंदिर मोहल्ला निवासी अंकुर अग्रवाल पर आरोप है कि आरोपितों के साथ लोन प्राप्त करने में शामिल था। उसके नाम पर तीन बैंकों में स्वर्ण ऋण खाता संचालित कर लोन की धनराशि जमा करना व उसे निकालकर आपस में बांटते थे।