वाराणसी। बुधवार को तथ्यों को छिपाकर आठ निरपराध लोगों के खिलाफ FIR के मामले में कमिश्नरेट पुलिस ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए कैंट इंस्पेक्टर राजेश सिंह को लाइन हाजिर कर दिया। DCP वरुणा जोन आदित्य लांग्हे ने जांच के बाद यह कार्रवाई की। कैंट थाने का नया प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार सिंह को नियुक्त किया गया।
क्या है पूरा मामला ?
जानकारी के मुताबिक, बीते 25 दिसंबर 2021 को कैंट थाने पर एक तथाकथित बिल्डर द्वारा पुलिस से तथ्यों को छिपाकर आठ लोगों के खिलाफ FIR कराया गया था। जिसके बाद पीड़ित भाजपा नेता आशीष कुमार गुप्ता के साथ व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को एडिशनल सीपी सुभाष चंद्र दूबे से मुलाकात करके फर्जी एफआईआर के संबंध में शिकायत की थी।
आरोप लगाया था कि धोखाधड़ी, बिजली चोरी सहित कई आपराधिक मामलों में अभियुक्त एक तथाकथित बिल्डर ने पुलिस को गुमराह करते हुए आठ लोगों के खिलाफ झूठा केस दर्ज करा दिया। एक भवन के विवाद में दीवानी न्यायालय से मुकदमा हार चुके बिल्डर ने पुलिस से इस बात को छिपाते हुए तथा खुद को बिल्डर बताकर भूस्वामी और भवन में फ्लैट खरीदने वाले आम नागरिकों के खिलाफ गलत तरीके से केस दर्ज कराया।
कैंट पुलिस की कार्रवाई पर भी सवालिया निशान उठने लगे थे कि उसने बिना जांच पड़ताल किये ही आनन-फानन में विभिन्न धाराओं में निरपराध लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। एडिशनल सीपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच डीसीपी वरुणा को सौंप दी। उन्होंने आश्वस्त भी किया कि अगर जांचोपरांत एफआईआर झूठी पायी जाती है तो इसे दर्ज कराने वाले कथित बिल्डर के खिलाफ भी 182 की कार्रवाई की जाएगी, जिससे झूठे मुकदमे दर्ज कराके पुलिस और न्यायालय का समय बर्बाद करने वालों के मन में भय पैदा हो सके।