वाराणसी। धोखाधड़ी के मामले में फंसे नीलगिरि कंपनी के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) विकास सिंह, उनकी पत्नी मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) ऋतु सिंह और करीबियों द्वारा किए गए फर्जीवाड़े को रोकने के लिए पुलिस कमिश्नर (CP) द्वारा एडीसीपी वरुणा जोन प्रबल प्रताप सिंह के निर्देशन में गठित स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) में शामिल एसीपी चेतगंज नितेश प्रताप सिंह, प्रभारी निरीक्षक चेतगंज, सिगरा और जैतपुरा संग बैठक की।
सीपी ने निर्देश दिया कि अब तक कमिश्नरेट के विभिन्न थानों में दर्ज 38 मुकदमों में अलग-अलग विन्दुओं पर काम कर शेष पांच अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जाए। साथ ही सीपी ने निर्देश दिया कि जिन पांच मुकदमों में पुलिस ने पर्याप्त साक्ष्य न होने की बात कहकर फाइनल रिपोर्ट (FR) लगा दी है, उनकी पुनः विवेचना की जाए। जांचों में कमी मिलने पर पूर्व विवेचको पर कार्रवाई की जाएगी।
बैठक के बाद सीपी ए. सतीश गणेश ने बताया कि नीलगिरी के कर्ताधर्ताओं के बारें में इनकम टैक्स, डिस्ट्रिक इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, एआरटीओ, बैंक, एसडीएम राजातालाब, पिंडरा, सदर सहित वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) से संपत्ति का ब्यौरा मांगा गया है। सीपी ने कहा कि हमारी जांच तेजी से चल रही है, जिसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। किसी भी हाल में जनता को ठगने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सीपी ने बताया कि पुलिस को विकास सिंह के लग्जरी गाड़ियों की भी जानकारी हुई है, जिसका अधिकृत जानकारी एआरटीओ से मांगी गई है।